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V. Aaradhyaa

Inspirational

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V. Aaradhyaa

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आत्मा मुक्त...शरीर रिक्त

आत्मा मुक्त...शरीर रिक्त

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समरभूमि में पार्थ को प्रभुवर ज़ब ज्ञान देते हैं,

मन में उठती शंकाओं का समाधान बताते हैं :


तत्पर होकर पार्थ युद्ध में खूब हाहाकार मचाते हैँ,

योद्धा अजेय बनते थे उन सबको मार गिराते हैं:


वीर बहादुर समरभूमि में लड़ने जब जाते हैं,

जीत का पताका लहराकर विजयी बन जाते हैं:


शीष काटकर अरि का जब वह घर आते हैं, 

गौरवान्वित मातापिता पूत गले लगाते हैं:


मुक्तिकाल में आत्मा शरीर दोनों विलग होते हैं,

शेष बची स्मृतियां ही जीव के यशगान गाते हैं!


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