आशाओं का दीप…
आशाओं का दीप…
आशाओं का दीप जला है अब तो आगे बढ़ना है।
हर मुश्किल से अब टकरा के नयी मंजिल से गुज़रना है।।
हम है तो जवां है ये दुनिया बासंती गाना गाना है।
पर्वत सरिता खेत खलिहानों संग तेरे मुस्काना है।।
समय की धारा नित नया सबेरा रंगो जैसा बिखरना है।
दूर दूर घूम के बादल सा यारों स्नेह सरगम से संवरना है।।
मिल जाये जो हमसफ़र राह में प्यार से गले लगाना है।
दीप जला है पावन आँगन निखरना और निखराना है।
