"आपकी जय हो सृष्टि के पालनहार"
"आपकी जय हो सृष्टि के पालनहार"
जब छाया धरा पर घनघोर अधंकार
तब लिया प्रभु श्री कृष्ण ने अवतार
कंस को दिखे आप तो दुश्मन,हजार
भक्तो को दिखे आप तो तारणहार
जिसकी रही,न प्रभु जैसी भावना
उसको वैसे ही दिखे,आप कान्हा
भक्तों के लिये,लिये नाना,अवतार
आपकी जय हो,सृष्टि के पालनहार
आपकी रजा बिना पता नही हिले
आप हो,प्रभु परब्रह्म रूप,निराकार
भक्तो के खातिर लेते रूप साकार
पापियों से करते भू का हल्का,भार
कभी नृसिंह,कभी वराह,कभी ह्यग्रीव
कभी लिया आपने,प्रभु वराह अवतार
जिसने जैसा भजा,वैसा ही फल चखा
आप हो कर्मविधाता,श्री कृष्ण भगवान
आप हो जीवमाटी बनानेवाले कुम्हार
आपकी की जय हो,सृष्टि पालनहार
आपने कंस,बकासुर,अगासुर आदि,
कई दैत्यों का प्रभु किया था,संहार
आज प्रभु,छाई पाप की छाया,अपार
कहीं जातिवाद,तो प्रभु कहीं भ्रष्टाचार,
कई छाया प्रभु आतंकवाद अंधकार
ले लो प्रभु फिर से एक ओर अवतार
आपने गीता में कहा,धर्म की हो हानि
तब-तब लेता,में इस सृष्टि में अवतार
अब प्रभु अपनी बात को करो,चरितार्थ
आपके भक्त प्रभु कष्ट पा रहे है,अपार
चहुँओर मचा हुआ है,प्रभु हाहाकार
अब ओर न होता,सांवरिया इंतजार
साखी अज्ञानी है,आया तेरी शरण
करो श्री कृष्ण,वासुदेव मेरा उद्दार
मेरी तो तेरे हाथों में जीवन पतवार
चाहे तू डूबो,चाहे मुझे उस पार उतार
पर इतना कर,जो धर्म का करे काज,
उसकी मत ले इतनी ज्यादा परीक्षा
सतयुग नही कान्हा,कलियुग दागदार
इसने ढका हुआ,सूर्य का भी उजास
अपने भक्तों पर बरसाना,भक्ति वर्षा
आजकल सच्चे भक्त भी रहे,दो-चार
कलयुग ने लीले,कई सत्य नर-नार
तेरी माया से प्रभु उन्हें जरूर दे तार
जो हृदय से बोले,श्री कृष्ण बार-बार
आपकी जय हो सृष्टि के पालनहार