जब कुछ ना समझ आये तब "
जब कुछ ना समझ आये तब "
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जब कुछ ना समझ आये तब हाथ में लिया काम करते जाइयेगा,
क्योंकि जब विराम लग जायेगा तो काम अधूरा रह जायेगा।
कभी असमंजस की स्थिति आये तो आँखें बंद कर लीजियेगा,
तन सलामत हैं बस इस बात का प्रभु को धन्यवाद कीजियेगा।
कोई ग़मगीन या दुःखद बात हैं तो आँसू बहा लीजियेगा,
उससे दुख तो नहीं जायेगा पर मन हल्का हो जायेगा।
बात ख़ुशी की हैं तो आह्लदित मन को नियंत्रण में कीजियेगा,
और प्रसन्न चित्त से हितैषीयो का मुँह मीठा कराइयेगा।