नारी सबसे खास
नारी सबसे खास
पत्थर सी इस दुनिया में तुम फूल सा एहसास हो
नारी हो तुम बहुत ही खास हो
तुमने लिया इस दुनिया में जीवन
दिया भी है तुम्हीं ने जीवन
खुशियों की तुम मिठास हो
नारी हो तुम बहुत ही खास हो
समर्पण किया तुमने सीता बनकर
लड़ती रही तुम दुर्गा बनकर
फिर भी तुम बेमिसाल हो
नारी हो तुम बहुत ही खास हो
टूटे हुए सपनों को देती पंख वो उड़ान हो
बिखरे हुए मोतियों को सहेजे वो माल हो
तुम सूर्य की किरण और चन्द्रमा की चाँदनी हो
तुम समंदर की गहराई और आसमान की ऊँचाई हो
नारी हो तुम बहुत ही खास हो "