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SANJAY MARANDI(KUNAL)

Abstract

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SANJAY MARANDI(KUNAL)

Abstract

आपके दिल में.......

आपके दिल में.......

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क्यों यह मेरी जिंदगी अब सिमट सी गई है,

छोटी सी दुनिया में यह कैद हो गई है,

इस जमाने से मुझे कोई शिकवा नहीं,

फरियाद है बस अब मेरे दिल में,

आपके दिल में बस जगह चाहिए।


बस जाना चाहता हूँ आपके इस दिल में,

जन्म जन्मांतर तक साथ रहना चाहता हूँ ,

आपके इस दिल में बस गया अब,

किसी चीज की शिकायत ना है,

आपसे मेरा यह फरमान है,

आपके दिल में बस जगह चाहिए।


मुझे ना परवाह है जमाने की,

मुझे ना फिकर है इस जमाने वालों की,

मेरी तो बस एक ख्वाहिश है,

मेरी तो बस एक तमन्ना है,

दिल में जगी एक इच्छा है,

आपके दिल में बस जगह चाहिए।


समय का पहिया साथ दे या ना दे,

दुनिया की भीड़ अब साथ हो या ना हो,

अब इस जमाने से कोई गुजारिश नहीं,

अपने मलंग की मुझे कोई परवाह नहीं,

आपके दिल में बस जगह चाहिए।


आपके दिल में बस जाना चाहता हूँ ,

जिंदगी के हसीन लम्हें पाना चाहता हूँ ,

रूठो तो आपको हंसाना चाहता हूँ ,

आपके साथ जिंदगी जीना चाहता हूँ ,

आपके दिल में बस जगह चाहिए।


तुम ना रुठा करो मना ना पाऊंगा,

अब तुम्हारे बिन मैं ना जी पाऊंगा,

मुझे जमाने से कोई फरियाद नहीं,

मुझे अपने बीते पल अब याद नहीं,

मुझे तो बस तुम्हारे दिल में जगह चाहिए।।



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