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Rohini Prajapati

Inspirational

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Rohini Prajapati

Inspirational

आम का मै एक पेड़ हूँ...

आम का मै एक पेड़ हूँ...

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आम का मैं एक पेड़ हूँ

बड़ा...हरा,आम से लदा

टेहनी झुकी हुई है मेरी

फिर भी हूँ सीधा खड़ा

जो तुम आए मेरे पास

लेने कुछ ठंडी साँस..


जब सूरज ने तुम को तोड़ा

दुनिया ने अकेला छोड़ा

सहारा तो मैं तेरा बना

लेकिन क्या तुमने मुझको बख्शा ??

आम तो सारे तोड़ डाले!!!


टहनी का हवन कर डाला

जो मैं थोड़ा शान से था खड़ा

वो भी तुमने झुका दिया!!

और ऐसा ही किया उसके साथ

उसकी ही छाँव ली तुमने

उसके ही प्यार से पले-बढ़े

और समय जब आया साथ निभाने का

कायर की तरह भाग गए??


देख पलट कर एक वार तू

मुझ जैसी ही वो दिखेगी

जिसको हर पल तुमने नोचा

"कमजोर बहुत है" यह सोचा

लेकिन हिम्मत के साथ खड़ी मिलेगी

आंधी की तेज़ हवा हो

या हो बारिश बेशुमार

गर्मी का हो मौसम

या हो ठंड की मार

अपनी नींव सम्भाले हुए

रहता मैं हमेशा खड़ा!!


वो भी तो ऐसी ही है

डट कर हमेशा रहती खड़ी

जीवन के धूप छाँव में

लड़ती ही जाती खुद अकेली

लेकिन मैं तो एक पेड़ हूँ

आँसू भी बहा न सकूँ

उसकी सिसकी लेकिन सुन ज़रा

इतना रूला ना उसको

आँसू भी तो पोंछ ज़रा!!!


वही लेकर आई तुझे दुनिया में

साँसें भी उसने दी

नाम एक...पर रूप अनेक...

और हर रूप में देती मिठास ढेर!!

एक औरत है वो..पेड़ नहीं..


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