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Anudeep Kaur

Abstract

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Anudeep Kaur

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आज़ाद हिन्दुस्तान

आज़ाद हिन्दुस्तान

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यह मेरे वतन की कहानी , मेरी खुद की जुबानी 

एकता इसकी शान ,विभिन्नता इसकी पहचान है 

आज़ाद की आवाज़ के साथ जुडी इसकी आजान है 

यही शमशान है यही कब्रिस्तान है 

आज़ाद कराने में जिसको दिए कितनो ने बलिदान है 

ख़ुशनसीब है वो जो बसा हिदुस्तान है 

ख़ुशनसीब है वो जो बसा हिदुस्तान है.



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