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Chandra prabha Kumar

Inspirational

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Chandra prabha Kumar

Inspirational

आज

आज

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  तुम आई अपना शृंगार लिए ,

  तुम आई फिर अभिसार लिए ,

  तुम आई अपना मधुमास लिए,

  तुम आई आशा का दीप लिए। 


        इन सपनों में पंख लगा देना,

        बीती बातों को बिसरा देना,

        जो बीत गया सो बीत गया,

        आज को ही अपना बना लेना। 


 मन महक महक उठता है,

 मीठी यादों को ले लेता है,

 फूलों की मधुमय सुवास है,

 तो काँटों से घिरी डाल है। 


      कॉंटों को क्यों याद करें,

      क्यों अपना चैन बर्बाद करें,

      आज में ही जीना सीख लें,

      बस इतना ही प्रयास करें।


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