काव्य चकोर
Abstract
दिल
आईनों का नहीं होता
फिर भी लोग
दिल को आईना कहते है...
शायद जुड भी जाये कभी
मगर
आईने अक्सर बिखर जाते है..!!
आईना
बन जाए बात
चाय मतवाली
ग़ौर करो तो..
अजीब रिश्ता
सवाल ये है की
और देश दुनिया को ये सुखद संदेश सुनाएं और पहुंचाएं। और देश दुनिया को ये सुखद संदेश सुनाएं और पहुंचाएं।
इस आग को ज्वाला में रूपांतरीत कर सफल होना... इस आग को ज्वाला में रूपांतरीत कर सफल होना...
जीतने ना देगी कभी असली-नकली यह दुनिया। जीतने ना देगी कभी असली-नकली यह दुनिया।
अगर टूट गया दिल तो उपचार क्यों करूॅंं। प्रीत लगा कर अब फिर इकरार क्यों करूॅंं।। अगर टूट गया दिल तो उपचार क्यों करूॅंं। प्रीत लगा कर अब फिर इकरार क्यों करूॅंं...
प्राण-प्रतिष्ठा गर्भगृह में आराध्या प्रभु राम का बाईस जनवरी अयोध्या धाम में ! प्राण-प्रतिष्ठा गर्भगृह में आराध्या प्रभु राम का बाईस जनवरी अयोध्या धा...
नया- नया साल आया, उमंग खुशी है लाया, बुराई का अंत करो, इस नये साल में। नया- नया साल आया, उमंग खुशी है लाया, बुराई का अंत करो, इस नये साल में।
पूर्णात्मा जाना है निज को, तभी दशानन दहन हुआ ! पूर्णात्मा जाना है निज को, तभी दशानन दहन हुआ !
पूछो तो जरा क्या ये देश बापू का नही रहा ? पूछो ..पूछो.. पूछो तो जरा क्या ये देश बापू का नही रहा ? पूछो ..पूछो..
ये आंसू जो खुशी में मुस्कुराते हैं गम में दामन भिगो जाते हैं। ये आंसू जो खुशी में मुस्कुराते हैं गम में दामन भिगो जाते हैं।
मुस्कुराते हुए चलो क्योंकि अब गम को पीछे है छोड़ना। मुस्कुराते हुए चलो क्योंकि अब गम को पीछे है छोड़ना।
क्यों हम गुमराह होकर हैरान, परेशान होते हैं ? क्यों हम गुमराह होकर हैरान, परेशान होते हैं ?
मुख्य भूमिका इस कहानी में मम्मी के टाइपराइटर की रहती। मुख्य भूमिका इस कहानी में मम्मी के टाइपराइटर की रहती।
जिसका लोहा दुनिया ने माना नाम वो केवल एक अटल है। जिसका लोहा दुनिया ने माना नाम वो केवल एक अटल है।
जाने क्यों तुमसे मिलने की चाहत बढ़ती जा रही है, जाने क्यों तुमसे मिलने की चाहत बढ़ती जा रही है,
अपनी ओर खींचती हुयी ख़ुशबू है...जो फ़िज़ा को महका देती है... अपनी ओर खींचती हुयी ख़ुशबू है...जो फ़िज़ा को महका देती है...
धाइ विदेहँ चले भेंटन अरु भेंटत ही सुर सम्पत पाई ।। धाइ विदेहँ चले भेंटन अरु भेंटत ही सुर सम्पत पाई ।।
मन फिर भी शांत है। इतना अलौकिक दृश्य, एक अलौकिक एहसास है। मन फिर भी शांत है। इतना अलौकिक दृश्य, एक अलौकिक एहसास है।
बस अपनी मुस्कान का खयाल रखना और हमेशा खुश रहना। बस अपनी मुस्कान का खयाल रखना और हमेशा खुश रहना।
मैं अकेला आज निकला, वादियों में घूमने। घूमता, फिर मैं ठमकता, देखकर इनकी दशा।। मैं अकेला आज निकला, वादियों में घूमने। घूमता, फिर मैं ठमकता, देखकर इनकी दशा।।
या मैसेज के ज़रिए ही तुमको पढ़ा दूं ? या मैसेज के ज़रिए ही तुमको पढ़ा दूं ?