आगे बढ़ जिन्दगी
आगे बढ़ जिन्दगी
कुछ पल, कुछ क्षण बस
सहारे से चल जिन्दगी
मुकद्दर तो सबका होता है,
बस इरादे से चल जिन्दगी
सुन कर खुद की,
तू खुद को समझ जिन्दगी
सुन कर किसी को ,
न खुद को बदल जिन्दगी
किसी की न सुन ,
बस आगे बढ़ जिन्दगी
न हारे तू किसी से,
कुछ ऐसा कर जिन्दगी
कुछ ऐसा कर जिन्दगी
इस नये वर्ष मे तू खुद को
खुद से बदल जिन्दगी
कुछ ऐसा कर जिन्दगी,
कुछ ऐसा कर जिन्दगी
न आज दोबारा आयेगा,
न कल कहीं रह जायेगा
जो आज करेंगे हम,
वही हमें मिल जायेगा
रख सोच यही तू आगे
बढ़ जिन्दगी
बस आगे चल जिन्दगी,
बस आगे चल जिन्दगी
रह गयी वह सोच पुरानी,
न लौट दोबारा आयेगी
इससे भी कुछ बेहतर होगा,
यह सोच तू आगे जायेगा
कुछ ऐसा कर जिन्दगी,
तू आगे बढ़ जिन्दगी