आदतों से जुडी यादें!
आदतों से जुडी यादें!
अगर आये हो तो मिलते जाना,
अगर मिले हो तो गले लगते जाना
पता नहीं ये आदत कैसी!
खुद को मेरे हवाले करते जाना
आदत तो ऐसी है के,
याद बस याद ही रह गई!
अब जरा मुझे याद करते जाना
आदतें तो अब भी है,
बस यादों को मिटाना है
कहीं वो याद आदत ना बन जाये!
जिसको मिटाना मुुुश्किल न हो जाये
एक दिन वैैसा भी हो,
जहां वो दिन ऐसा भी हो....!