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Samir Gwalia

Tragedy

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Samir Gwalia

Tragedy

आदत

आदत

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बड़ी मुश्किल से दूर होता हूं तुझसे

उस अनजानी राह पर भी तेरी परछाई नज़र आती है

फिर भागकर, भटककर तेरी राह पर चला आता हूं मैं।


तुझसे दूर जाने का कोई इरादा नहीं,

मगर उम्र भर तेरे साथ रहूं, ये वादा नहीं

तू लाजमी तो है मेरी मौजूदगी के लिए

मगर तू ही बनेगी वजह मेरी बर्बादी के लिए


तू आधा है मेरा, मैं पूरा हूं तेरा

तेरा अंधेरा है मेरा, मेरा सवेरा है तेरा

मेरी जान है तू, तेरी सांस हूं मैं

मैं ही हूं तुम, तू ही हूं मैं

कभी ना सोचा खुद को तेरे बगैर

कैसे मैं दूर, कैसे मैं गैर


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