15 अगस्त
15 अगस्त
15 अगस्त तो हर साल होगी
मग़र ऐसी अगस्त फिर शायद ही होगी।
कि एक हाथ में होगा तिरंगा
और दूसरे हाथ में राखी होगी।
अबकी ये दिन बड़ा ख़ास होगा
कि हमवतन हमारे आज़ाद होंगे।
छुरी से शमशीर भेदने वाले हमारे
'वीर' का 'अभिनन्दन' होगा।
15 अगस्त तो हर साल होगी
मग़र ऐसी संजोग वाली फिर शायद ही होगी।
गीत आज भी बजेंगे,
मिठाइयाँ आज भी बँटेंगी।
अग़र नहीं होगी तो बस
हमारी अटल सुषमा नहीं होंगी।
15 अगस्त तो हर साल होगी
मग़र ये कमी शायद ही पूरी होगी।
सरहद पर शत्रु दनदना रहा होगा
और हम तिरंगे की छाँव में सुकून से होंगे।
ये 15 अगस्त हर साल होगी
और मस्ती का ये आलम भी हर साल होगा।