#नवरात्रि डायरीज#लाल रंग
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मिस्टर उपेन्द्र गोस्वामी जो की भारतीय सेना के डॉक्टर है। हमेशा सैनिकों के रक्षा इलाज में तत्पर रहते है। सैनिकों के साथ बंकर में रहते है। सैनिक तो जंग में गोलियों से जूझते है सैनिक डॉक्टर की भी जान खतरे में रहती है।
एक बार भारत - पाकिस्तान सीज फायर उल्लघन में घायल सैनिकों का इलाज कर रहे डॉक्टर उपेन्द्र को अचानक से एक गोली उनके चेहरे पर गाल को छूती हुई निकल गई, और वो गोली के झटके से पीछे गिर पड़े और लहूलुहान दर्द से चिल्लाए। खून ज्यादा बहने की वजह से बेहोशी आ गई थी। फिर उनको अन्य जवान उठा कर बंकर में लाए और फिर उनका इलाज किया। खून ज्यादा बहने से होश आने में वक़्त लगा। कुछ दिन बाद फिर वो अपने काम पर तैनात हो गए। उनके चेहरे पर गोली का निशान ताजा था। मगर एक डॉक्टर की ज़िंदगी दूसरों की जान बचाने के लिए है। और उनके लिए सम्मान की बात वो बोलते हैं कि - मर भी जाता तो कोई ग़म नहीं देश की लिए कुर्बान हूं। मरते दम तक अपने साथी जवानों की सेवा की शपथ ली हैं।