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कॉमेडी इन हरियाणा

कॉमेडी इन हरियाणा

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दोस्तों हम सब अलग-अलग राज्यों से हैं व हर राज्य की अपनी बोली अपनी भाषा है।फिर हम चाहे किसी भी धर्म-जाति के हों उस क्षेत्र का प्रभाव तो हम पर पड़ता ही है।रोजमर्रा की जिंदगी में कुछ न कुछ ऐसी घटनाएं भी घटती हैं कि जो रह रह कर याद आती हैं।और अगर इन घटनाओं में हास्य व्यंग्य भी हो तो आप जिंदगी भर इन्हें नहीं भूल पाते।

हम लोग शुरू से ही हरियाणा में पले बढ़े हैं।हरियाणा के लोग भोले-भाले व सीधे-सादे होते हैं।और हद से ज्यादा सहायता करने वाले होते हैं।उनकी बोली थोड़ी कड़क परंतु ये दिल के साफ होते हैं।इनसे कुछ पूछो तो उनके उत्तर इतने व्यंग्यात्मक होते हैं कि आप हँसे बिना नहीं रह सकते।हाजिर जवाबी तो इनमें कूट-कूटकर भरी होती है।

अब आप सोचेंगे कि मैं तो हरियाणा का गुणगान ही करने लगी।अब अपनी जन्मभूमि की इतनी तारीफ करना तो बनता है।

तो मैं बात कर रही थी यहाँ के लोगों की बातों के व्यंग्यात्मक पुट की।आज आपको कुछ घटनाओं से रूबरू करवाती हूँ।

ये घटनाएं किसी ने मुझे अपने ब्लॉग में लिखने को बोली हैं तो ये घटनाएं उन्हीं की जबानी लिख रही हूं।

जब हम स्कूल में थे तो हमारे एक सर थे।वो हरियाणवी थे।फाइनल परीक्षा नजदीक थी तो सर पूछने लगे,"पढ़ते हो?" हम सब ने जोश मैं कहा,"जी सर"।फिर सर ने कहा,"क्या पढ़ते हो, गृहशोभा?"हमारा तो हँस- हँस कर बुुरा हाल हो गया।

ऐसे ही एक दिन सर ने टेस्ट लिया था तो एक-एक बच्चेे को अपने पास बुला कर उसे उसकी गलतियाँ दिखा रहे थे।तभी एक पतली सी लड़की का नम्बर आया तो सर उसे बोले,"आ भई पहलवान"।सर का इतना बोलना था कि सारी कक्षा में ठहाकेे गूंज उठे।

जब मैं डिप्लोमा कोर्स करने के लिए बहादुरगढ़ जाता था तो पहले बस में बैठता था। 2-3 स्टोप के बाद मेरा दोस्त चढ़ता था।मैं उसके लिए सीट रोकता था।एक दिन मैंने पीछे सीट रोक रखी थी।लेकिन दोस्त आगे से चढ़ा।मैंने उसे दूर से पीछे आने के लिए इशारा किया।जब तक वो पीछे आता तब तक एक आदमी आया और उस सीट पर बैठने लगा तो मैंने सीट पर हाथ रखकर कहा कि आ रहा है ,आ रहा है।

तो वो हरियाणवी मैं बोला," हाँ -हाँ मैं कौन-सा जाऊं हूँ "।(मैं कहाँ जा रहा हूँ )बोल कर सीट पर बैठ गया ।

इसी तरह यूंही एक बार बस में काफी भीड़ थी तो एक लड़का जोर से चिल्लाया, "काट दिया रे काट दिया मेरा पैर काट दिया"।तभी भीड़ में से आवाज आई,"पैर ही कटेंगें यहाँ ओर के प्लाट कटेंगें"।(जमीन खरीदने को प्लाट काटना बोला जाता है )ऐसे ही एक बार डी टी सी की बस में एक आदमी आगे से चढ़ रहा था तो ड्राइवर ने उसे पीछे से चढ़ने को बोला।तो वो बोला,"ड्राइवर साहब टांग में दर्द है"।

ड्राइवर झट से बोला," आड़े के डॉक्टर है, के मेडिकल "।(मतलब बस में आगे से चढ़ने पर डाॅक्टर या अस्पताल है क्या )


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