गिफ्ट
गिफ्ट
छुटकी अभी तक सो रही है ? चल जल्दी से तैयार हो जा, राखी नहीं बांधनी क्या ? देख मैं तेरे लिए आज सरप्राईज गिफ्ट लाया हूं.." भैया की आवाज सुन वह अतीत में खो गई।
वह कभी नहीं पूछ पायी कि, "भैया इस बार राखी पर क्या गिफ्ट दोगे ? " औपचारिकता पूरी करने के लिए वह भैया को राखी बांधती और वे शगुन के रुप में रुपये दे देते हैं औऱ वह चुपचाप उन रुपयों को मुट्ठी में भींच लेती है मन उद्वगेलित हो उठता है, क्या बस यही होता है राखी का मतलब ? क्यों नही भैया कभी प्यार से सिर पर हाथ फेरते ? क्यों नही कहते कि, आंखें बंद कर छुटकी मैं आज तेरे लिए सरप्राईज गिफ्ट लाया हूँ।
अरे ! कहाँ खो गयी ? फिर जैसे उन्होंने सिर पर हाथ फेरना शुरू किया उसने कहा, " भैया मुझे आपका प्यार और आशीर्वाद चाहिए, यही मेरा सबसे बड़ा गिफ्ट है लेकिन इस प्यार को आप दर्शायेंगे तभी तो मैं भी आपसे हक से कुछ मांग सकूंगी।" लेकिन भैया के मौन स्नेह को उजागर करने के लिए वह नवविवाहिता भाभी को सजल नेत्रों से निहार रही थी।