Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

Richa Joshi

Drama Inspirational Tragedy

1.9  

Richa Joshi

Drama Inspirational Tragedy

चिराग तले अंधेरा

चिराग तले अंधेरा

3 mins
1.5K


तालियों की गड़गड़ाहट से सारा हाल गूंज उठा। मिसेज सहाय को चाइल्ड वेलफेयर के क्षेत्र में अपने महान योगदान के लिए बड़ा पुरस्कार मिल रहा है। प्रदेश के मुख्य मंत्री खुद अपने हाथों से उन्हें सम्मानित करने आए थे। तालियों की गड़गड़ाहट के साथ उन्होंने अपना पुरस्कार ग्रहण किया और पत्रकारों से बचती हुई अपनी कार में आ बैठी। उन्हें घर पहुंचने की जल्दी थी। आज उनका मन घर में अटका हुआ था। पतिदेव और बेटा भी इस प्रोग्राम में आने वाले थे पर आए ही नहीं। पतिदेव की मिस्ड कॉल थी पर अब दोनों में से कोई भी फोन भी नहीं उठा रहा था। वो उन दोनों के साथ जल्दी से जल्दी अपनी खुशी बांट लेना चाहती थी। कार में बैठ कर ड्राइवर को सीधे घर चलने को बोला।

कितनी मेहनत की है उन्होंने इस पुरस्कार को पाने के लिए। कितना कुछ झेला है। घर, परिवार, बेटा, पति...

और उनका मन उड़ता हुआ सालों पीछे चला गया।

कहीं दूर बस का हॉर्न सुनाई दे रहा है, बंटू क्लास में प्रथम आने की मार्कशीट लेकर दौड़ता हुआ आता है पर ये उस समय दूर कहीं गरीब बस्ती में बच्चों को कपड़े बांट रही हैं। बंटू रोता हुआ सो जाता है, आंसुओं से भीगी मार्कशीट में हस्ताक्षर कर ये रात ही उसके बैग में डाल देती है.. सुबह उन्हें नशामुक्ति केंद्र में जल्दी पहुंचना है। वहां नशे के शिकार बच्चों में उनका साथ पाकर बदलाव आ रहा था।

रात को देर से वापस आने पर बंटू आया के साथ सोया मिलता है। बेटे को प्यार से गोद में लेना चाहती हैं पर वो रो कर आया से ही चिपक गया, टीस उठी पर तसल्ली भी हुई कि आया सब प्यार से कर रही है। वरना उसे रोता हुआ छोड़ के जाने में कलेजा मुंह को आता था।

आज सब याद आ रहा है.. एक बार बंटू के जन्मदिन पर जब वो झुग्गी बस्ती से गायब हुए कुछ बच्चों के लिए रात भर पुलिस स्टेशन में बैठी रही थी, और बंटू केक छोड़ कर अपने कमरे को बंद कर सो गया था तब मि. सहाय नाराज़ भी हुए थे पर उन्होंने अपने काम की मजबूरी बता उन्हें समझा लिया था.. कितनी कोशिशों के बाद वे उन बच्चों को एक सक्रिय भिखारी गैंग से छुड़ा कर ला पाई थी।

तभी ब्रेक लगने से उनकी तंद्रा टूटी। घर आ गया था।

बंटू.. रोहित कहां हो दोनों ? आए क्यों नहीं ? मेरा भी मन नहीं लगा.. बंटू.. रोहित.... " बोलती हुई वो खुशी से चहकती घर में घुसी।

"मैडम जी बाबा की तबीयत खराब हो गई है, साहब उन्हें लेकर अस्पताल गए हैं।" आया ने बताया।

उल्टे पैर गाड़ी ले कर वे अस्पताल को निकल गई...

बहुत ज्यादा बैचैनी हो रही थी आज.. अचानक ऐसा क्या हुआ बंटू को.. सुबह तक तो सब ठीक था.. थोड़ा बड़ा होने पर वह खुद ही अपनी दुनिया में व्यस्त हो गया था। अब वो पहले की तरह बात बात पर जिद भी नहीं करता था..हालांकि ज्यादा बड़ा हुआ कहां है अभी.. सतरह साल का ही तो है पर अब दोस्तों के साथ खुश रहता है..

अस्पताल पास आता जा रहा है और धड़कने बढ़ती जा रही है..

रोहित चिंता में डूबे बाहर ही घूमते दिख गए..

"अचानक क्या हुआ बंटू को रोहित.?"

रोहित ने बहुत अजीब सी निगाहों से देखा और बोले "अचानक कुछ भी नहीं हुआ !".... लम्बी चुप्पी के बाद फिर बोले...... "ड्रग्स की ओवर डोज हो गई थी.. बस समय रहते पता चल गया।


Rate this content
Log in

Similar hindi story from Drama