नवरात्रि का त्योहार आया
नवरात्रि का त्योहार आया
आश्विन मास नवरात्र का पावन पर्व है आया,
चहुंओर भक्तों में बहुत उमंग व उल्लास छाया।
महालया से शुरू हो गई दुर्गापूजन की तैयारी,
प्रथम दिवस मंत्र संग कलश भी स्थापित होती
नौ दिन होगी देवी की नौ शक्तियों की पूजा
शक्तियाँ माँ दुर्गे का प्रतिरूप, नहीं कोई दूजा।
सबसे पहली शक्ति कहलाती हैं माता शैलपुत्री,
पवर्तराज हिमालय के घर पैदा हुई यह पुत्री।
बाएँ हस्त त्रिशूल, दाहिने हस्त कमल शोभे।
सुंदर रूप माता का, वृषभ पर सदा विराजे।
लाल पुष्प मैया को भाये, भक्त वही चढ़ावें।
प्रसन्न होती माता,पूरी करती हैं मनोकामना।
भक्त खुद में शैलपुत्री जगा महाशक्ति पाता है।
शैलपुत्री शक्ति से महामानव गुण वो पाता है।
अंतर्मन में उसके छाए उमंग व आनंद अपार।
काम वासना हो संतुलित, देतीं चट्टान सम शक्ति।
