रब सी सूरत वाली
रब सी सूरत वाली
या रब सी सूरत वाली सुनो
वक़्त हो तो मेरे ख्वाबों से
निकलकर देखो
उस रात जब कमरे की
बत्ती बुझाई तो देखा कि
एक परछाई चुपके से
दबे पाँव मेरे कमरे में
आकर खड़ी है
सहमी सी निगाहों से देखती
और डरती हुई काँप रही है।
मेरे कदमों की आहट से
सहम न जाये इसलिए मैं
बड़ी तरतीबी के कदम दर कदम
रख कर बाहर चला गया...
वो परछाई शायद तुम रही होगी
तुम अब नहीं हो
उस रात मेरे कदमों की आहट से
सहम गई होगी
शायद.....
या रब सी सूरत वाली।