सपने
सपने
चलो सुनहरे सपने बुन लें
उम्मीदों के फूल भी चुन लें
कल क्या होगा जाने कौन
वक्त कहे क्या आज ये सुन लें !
चमकीली आंखों में देखो
आशाओं के सुमन खिले
प्रस्फुटित हुई हँसी अधरों पर
मनचाहे मनमीत मिले!
एक नया सा गीत आज फिर
आओ साथी हम तुम गुन लें !