STORYMIRROR

Shivam Antapuriya

Abstract

4  

Shivam Antapuriya

Abstract

विवेकानन्द छुपे हैं

विवेकानन्द छुपे हैं

1 min
283

युवाओं की सदा पीढ़ी को

जगाना चाहा था जिसने

विश्व पटल पर ज्ञान का दीपक

जलाना चाहा था जिसने


जो शान ओ शौकत

रही है देश भारत की

उसमें भी एक तस्वीर

छपी है विवेकानन्द की


वैराग्य धारण कर

मिशाल पेश की जिसने

उस महान योगी की

कुछ शक्तियाँ हैं मुझमें


दया-धर्म का आभास

कराया था जिसने

शून्य शब्द में अमेरिका

को फँसाया था जिसने


ऐसे महान कार्य करेगा

जो मानव अब भी

समझो महान विचारक

विवेकानन्द छुपे हैं उसमें।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract