Kanishq Sharma
Abstract Inspirational
Hm m m m m n mn m m m
मुझे पल भर के...
कोई किसी का शिकार ना हो जाए। डर मुझे भी लगता है। कोई किसी का शिकार ना हो जाए। डर मुझे भी लगता है।
सभी के संजोए हुए सपनों को तुम पूरा करना, हर एक को उसकी मंजिल तक पहुंचाना। सभी के संजोए हुए सपनों को तुम पूरा करना, हर एक को उसकी मंजिल तक पहुंचाना।
सूरज हूँ, किरण हूँ, लोम हूँ, विलोम हूँ, लोक हूँ, परलोक हूँ। सूरज हूँ, किरण हूँ, लोम हूँ, विलोम हूँ, लोक हूँ, परलोक हूँ।
सम न जिसका न कोई विलोम उच्चारते जिसको हैं, ओम। सम न जिसका न कोई विलोम उच्चारते जिसको हैं, ओम।
तेरे बिन ए मोहन प्यारे आंखें मेरी अब तक नम हैं। तेरे बिन ए मोहन प्यारे आंखें मेरी अब तक नम हैं।
दोस्त भी बदल गए, सब कुछ बदल गया २०२१ जाते जाते लोगो का पहचान भी करा गया। दोस्त भी बदल गए, सब कुछ बदल गया २०२१ जाते जाते लोगो का पहचान भी करा गया।
हम थक हार कर वापस अपने शहर जाते हैं। हम थक हार कर वापस अपने शहर जाते हैं।
सारा दिन यूँ ही निकलता जाये ! वो किताबी दौर क्यों ना। सारा दिन यूँ ही निकलता जाये ! वो किताबी दौर क्यों ना।
शेष कभी कुछ होता नहीं, सिर्फ़ रूप बदलता जाता है। शेष कभी कुछ होता नहीं, सिर्फ़ रूप बदलता जाता है।
ज़रूरत से ज़्यादा कसा बंधन कभी भी अच्छा नहीं होता ज़रूरत से ज़्यादा कसा बंधन कभी भी अच्छा नहीं होता
घर घर एक है अलख सरल कोरोना का है वेग प्रबल घर घर एक है अलख सरल कोरोना का है वेग प्रबल
मग़र ये ज़िन्दगी कहाँ रुकने पाती ! अल्हड़ सी अलबेली सी ज़िन्दगी। मग़र ये ज़िन्दगी कहाँ रुकने पाती ! अल्हड़ सी अलबेली सी ज़िन्दगी।
हर किसी को होता है एक दिन बदलना। हर किसी को होता है एक दिन बदलना।
तन ढकने को न कंबल न ही रजाई पास है इस भीषण ठंड में बस प्रभु की ही आस है। तन ढकने को न कंबल न ही रजाई पास है इस भीषण ठंड में बस प्रभु की ही आस है।
हम अपने में ही मस्त हैं दुनिया की खबर पता नहीं हमें। हम अपने में ही मस्त हैं दुनिया की खबर पता नहीं हमें।
दे दो सबको सुख अपार। माँ की महिमा अगम अपार।। दे दो सबको सुख अपार। माँ की महिमा अगम अपार।।
आज इसकी है कल उसकी होगी ये शाम क़भी तो.......... आज इसकी है कल उसकी होगी ये शाम क़भी तो..........
अल्फाज नहीं बयां करने को, हम कितना तुमको चाहने लगे अल्फाज नहीं बयां करने को, हम कितना तुमको चाहने लगे
हाँ, एक फर्क तो है वो जलता दूसरों के लिए हम जलते दूसरों से है।। हाँ, एक फर्क तो है वो जलता दूसरों के लिए हम जलते दूसरों से है।।
जो साल चला गया उसकी क्या सोचे अब, २०२२ की शुरुआत बेहतरीन होनी चाहिए। जो साल चला गया उसकी क्या सोचे अब, २०२२ की शुरुआत बेहतरीन होनी चाहिए।