इस रात में
इस रात में
कुछ बात है इस रात में...
हम खोए खोए से हैं जज्बात में..
लफ्ज़ों से क्या बयां करूं....
जो दर्द छुपा है इस हालात में
कुछ बात तो है इस रात में...
हम टूट कर तुम्हें चाहे...
तुम भी इसका इकरार करो..
कि हर पन्ने पर तुम्हारा नाम छप जाए..
मेरे दिल की इस किताब में...
कुछ बात तो है इस रात में..
काश हम ये अल्फाज छुपा लेते...
कुछ जज्बातों के बदले अगर, तुम्हारा दिल मिल जाता हमें सौगात में..
कुछ बात बन जाती इस रात में
मेरी बातों का मतलब कुछ ऐसा निकाला उन्होंने...
कुछ थम से गए हैं हम अपनी रफ्तार में..
अब वो माने या ना माने..
हमारे पास लफ्ज ही बचे हैं दिल की किताब में..
कैसे उन्हें समझाएं... क्या बात है इस रात में!