हत्यारा
हत्यारा
प्रेम हमेशा से शांति का प्रतीक कैसे रहा है,
क्या प्रेम केवल बड़े सफ़ेद ख़ूबसूरत,
परिंदे की मानिंद होने के कारण,
शांति का प्रतीक रहा है।
यही कारण है कि सफ़ेद रंग
उसके ख़ूनी आचरण को,
छिपा जाता है।
वो आता है और एहसास दिलाता है,
की शान्ति ही सब कुछ है,
फिर अपने बड़े-बड़े पर को खोल कर,
बाण की तीव्र वर्षा कर देता है।
बदन का एक कोना ज़ख़्मी नहीं होता,
केवल ह्रदय को छोड़ कर
दुनिया भर में हज़ारों क़ातिल होंगे,
मगर प्रेम जैसा हत्यारा कोई नहीं।
जब दुनिया बनी तब भी ,
दूसरी नस्ल का क़ातिल प्रेम था,
और आज भी निरंतर हत्याएं करके
प्रेम शांति का प्रतीक है।