अधूरी कहानी
अधूरी कहानी
किसी दिन तेरे दर पे आकर के हम,
जरा सांस ले लें घड़ी भर सनम ।
बहुत देर तक हम रुकेंगे नहीं,
चले जाएंगे हम तुम्हारी कसम ।
किसी दिन तेरे दर पे आकर के हम ....
अभी तो मेरी आँखे रोई नहीं,
तुम्हारे हैं सब मेरा कोई नहीं।
तुम्हें याद मेरी न आई कभी,
हमारा भरम टूटता ही नहीं।
मुझे अब न तुम कोई इल्जाम दो,
न नफरत का अब कोई पैगाम दो ।
किसी दिन तेरे दर पे आकर के हम
जरा सांस ले लें घड़ी भर सनम
किसी दिन तेरे दर पे आकर के हम...
मुझे जीने देती न ख्वाहिश तेरी,
न मरने ही देती है नालिश तेरी ।
मुझे कोई शिकवा गिला भी नहीं,
न किस्मत का लेखा मिटा है कभी ।
जमाने में अब मेरी हस्ती है क्या,
न कोई पता ना ठिकाना मेरा ।
किसी दिन तेरे दर पे आकर के हम,
जरा साँस ले लें घड़ी भर सनम ।
किसी दिन तेरे दर पे आकर के हम...
तेरी जुस्तजू ने ये क्या कर दिया,
बुझाया मेरी आरजू का दिया ।
अंधेरे मुझे रास आने लगे,
मेरा रोशनी से है क्या वास्ता ।
अभी तो बहुत कुछ बताने को है,
ये टूटा हुआ दिल दिखाने को है ।
किसी दिन तेरे दर पे आकर के हम,
जरा साँस ले लें घड़ी भर सनम ।
किसी दिन तेरे दर पे आकर के हम....
धुन आधारित:
(फिल्म: पूरब पश्चिम
गीत: कोई जब तुम्हारा हृदय तोड़ दे)