तेरा साथ
तेरा साथ
चहक उठा मन, साथी तेरा साथ पाकर
गुनगुना उठा मन,साथी तेरा साथ पाकर
रह गई थी इस जहां में बिल्कुल ही तन्हा
भीड़ में खड़ी, सुकून नहीं मगर मन को
जाने कैसी बेचैनी के पल थे, जीवन में
उबरेंगे कैसे इस हाल से, चिंता यही मन में।
एक साथी मिले सच्चा रहती थी गुनधुन में।
एक दिन हुआ कुछ हादसा ऐसा जीवन में,
नज़रें जा टकराई तुमसे,टीस उठा मन में।
दिल ने कहा तलाश इसी की थी जीवन में।
साथ तबसे हुआ हमारा, चलने लगे हम संग।
एक एक पल का साथ बढ़ाता था उमंग जीवन में।
चहक उठा मन, साथी तेरा साथ पाकर
गुनगुना उठा मन,साथी तेरा साथ पाकर।