मेरा परिवार
मेरा परिवार
मेरा घर मेरा परिवार जहाँ,
दिल का हो दिल से रिश्ता।
प्यार की डोर से बंधा हो हर रिश्ता।
जिसमें सुगंध हो राधा कृष्ण के अटूट प्रेम की,
जहाँ विश्वास हो कृष्ण मीरा के एकीकरण की,
जहाँ धैर्य हो कृष्ण गोपी मिलन की,
जहाँ क्षमता हो माँ की ऊचाइयों को छूने की
और जहाँ साहस व सुरक्षा हो पिता के अभिमान की ।
जहाँ ऐसा हो रिश्ता जिसे कोई बाधा तोड़ ना पाये।
जो कवच हो हर मुश्किलों का।
तो वही है मेरा घर ,मेरा अपना घर।
तो वही है मेरा परिवार।
जो बसता है तो सिर्फ सिर्फ प्यार और दिल से।।