Become a PUBLISHED AUTHOR at just 1999/- INR!! Limited Period Offer
Become a PUBLISHED AUTHOR at just 1999/- INR!! Limited Period Offer

SANDIP SINGH

Romance

4  

SANDIP SINGH

Romance

मुहब्बत

मुहब्बत

1 min
329


मुहब्बत हो गई हमको ये हम इकरार करते हैं,

तुझी पर मैं अब यह जान सनम बौछार करते हैं।


खिलौना जानकर तुम तो मेरा दिल तोड़ जाते हो,

फिर भी मेरा जमीर तुझ संग ही करार करते हैं।


तुझे मेरी मोहब्बत का सहारा मिल गया होता,

और आज भी यह दिल किरण तुझी पर वार करते हैं।


न झटको जुल्फ को पानी की मोती फूट जायेंगें,

वदन तेरे सोला पर प्यार का इजहार करते हैं।


सुहानी चांदनी रातें हमे सोने नहीं देती,

पागलों की तरह रात में भी दीदार करते हैं।


किसी पत्थर के मूरत से मोहब्बत का इरादा है,

उसी को मन में बसा कर अब शुक्रगुजार करते हैं।


जरा ठहरो किसी का दम निकल रहा है,

पहले इनके इलाज ए इश्क का इकरार करते हैं।


परी की वह दस्तक याद आ रही है अकेले में,

मेरे जग के सुबह_शाम उस पर ही वार करते हैं।


जैसा मैंने सोचा था ठीक वही है वह मूरत,

उसी के लिए यह जीवन सारी पेशगार करते हैं।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance