स्त्री चित्रण।
स्त्री चित्रण।
जो सहनशीलता की
चरम सीमा से भी अधिक
सहन कर के
अपनी संवेदनशीलता की शक्ति से
कई युगों से
हजारों सदियों से
अनेक विषम परिस्थिति में भी
इस संसार के चक्र को
चलाने के लिए
एक पीढ़ी को सिर्फ
जन्म ही नहीं देती
उसको अपने अस्तित्व
से अधिक चाहती है
ऐसी नि:स्वार्थ,
त्याग की पराकाष्ठा से
अधिक त्यागने वाली
प्यार शब्द को अपने हाथों से
निवालों में रखने वाली
संसार की बेहद सरल एवं
अतिशय जटिल जीव याने "स्त्री"।