दास्तान-ए-दिल
दास्तान-ए-दिल
दास्तान-ए-दिल क्या बयान करु मेरे दोस्त,
इतनी दफा तूटने के बाद भी मुस्कुराने का हौसला रखता है ये दिल,
बेवफ़ाई के बावजूद भी वफ़ा की उम्मीद रखता है ये दिल,
इतनी नफ़रत के बाद भी प्यार करने का हौसला रखता है ये दिल,
भला इतने धोखा खाने के बाद भी एक सच्चे प्यार की उम्मीद लगाए बैठा है ये दिल!