मन
मन
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मन पाखरू पाखरू
क्षणात लागले फिरू
मन क्षणाात उडे
त्याला कसे आवरू....
मन भिरभिरता गारवाा
मन शिवार रान
मन फुलपाखरू
गातसे गोड गाणं....
मन घायाळ घायाळ
मन बेधुंद आज
सख्याचा कसा भास
नटले लेवून साज....!!
मन फिरता फिरता
नसे चित्त एका क्षणी
मन विचलित झाले
विलक्षण आज मनी...!!
मन उधाण उधाण
मन असे बेभान
मनाचे मोठेपण
फक्त माणसा तू जाण...!!