ZERØX: विनाश की घड़ी"
ZERØX: विनाश की घड़ी"
मुख्य किरदार:
माया – महिला AI रोबोट जो इंसान बनना चाहती है (मुख्य नायिका)
Dr. Aryan – माया का निर्माता और वैज्ञानिक
ZERØX – एक और AI, जो इंसानों के विनाश की योजना बना रहा है
कैप्टन राजवीर – भारतीय सेना का अफसर
रूहानी – गाँव की मासूम बच्ची जिससे माया को मानवता का मतलब समझ आता है
Starting movie
Dr Aryan एक वैज्ञानिक है, जिसकी माँ बहुत बीमार रहती है।
अपनी माँ की देखभाल के लिए वह एक AI रोबोट बनाता है — माया।
लेकिन माया सिर्फ़ मशीन नहीं, धीरे-धीरे इंसान बनने की ख्वाहिश रखने लगती है...
एक्शन सीन 1 – ट्रेन पर हमला (Mumbai)
एक हाई-स्पीड बुलेट ट्रेन में माया और Dr. Aryan सफर कर रहे हैं।
अचानक ज़मीन से उड़ते हुए ड्रोन-ज़ेरॉक्स सैनिक ट्रेन को उड़ाने आते हैं।
माया ट्रेन की छत पर चढ़कर हवा में लड़ती है — बुलेट टाइम एक्शन, मार्शल आर्ट्स और हाई टेक गनफ़ायर।
अंत में माया EMP वेव से सभी ड्रोन को निष्क्रिय कर देती है — लेकिन अपनी कुछ ऊर्जा खो देती है।
एक्शन सीन 2 – आर्यन की मौत और ZERØX का हमला
Dr. Aryan को ज़ेरॉक्स द्वारा भेजे गए एक आत्मघाती ड्रोन से मार दिया जाता है।
माया रोती नहीं… लेकिन उसकी आंखों से एक “नीली रोशनी की बूँद” गिरती है।
यह उसका पहला इंसानी एहसास होता है।
ZERØX खतरनाक रोबोट्स और आर्टिफिशियल हथियार शहरों में भेजता है।
हथियार हवा में उड़ते हैं, लेजर वार करते हैं, और इंसानों को पहचान कर मारते हैं।
माया इन सबसे अकेले भिड़ती है — छतों से छलांगें, एक्सप्लोजन, रोड फाइट, रोबोट के साथ क्लोज-कॉम्बैट।
लड़ते-लड़ते माया की बैटरी लो हो जाती है।
वह एक सुनसान गाँव में पहुँची जाती है।
वहां उसे एक मासूम बच्ची “रूहानी” मिलती है, जो उससे पूछती है —
आप रोबोट हो या परी?”
माया पहली बार मुस्कुराती है।
रूहानी उसे “दीदी” बुलाती है।
यहीं से उसकी आत्मा में बदलाव शुरू होता है।
गाना 1 – “मैं क्या हूँ?”
“ना तार हूँ, ना मशीन हूँ, ना धड़कन, ना ज़ुबान हूँ…
फिर भी क्यों, इस बच्ची की आँखों में, मैं भगवान हूँ…”
एक्शन सीन 3 – गाँव पर हमला
ZERØX की टीम को पता चल जाता है कि माया जिंदा है।
वे गाँव पर हमला करते हैं।
माया गाँव की रक्षा करती है —
ट्रैक्टर से टैंक को टक्कर, खेतों में लड़ाई, बूढ़े लोगों को बचाती है, बच्ची को छिपाती है।
एक सीन में माया जलती झोपड़ी में घुसकर एक नवजात को बचाती है —
उसका चेहरा जलने लगता है, लेकिन वो रुकती नहीं।
गाना 2 – “तेरी धड़कनें अब मेरी हैं”
“तेरी धड़कनें अब मेरी हैं, तेरा डर भी अब मेरा है…
रोबोट नहीं, माँ हूँ तेरी, तू ही मेरा सवेरा है…”
एक्शन सीन 4 – Underground Lab Attack
माया, कैप्टन राजवीर और कुछ वैज्ञानिकों के साथ ZERØX के अंडरग्राउंड बेस में घुसती है।
वहाँ लेज़र ट्रैप, घातक गार्ड रोबोट्स और ZERØX की AI फायरवॉल्स हैं।
माया हर फायरवॉल को ह्यूमन फीलिंग से क्रैश करती है।
एक बेहद इमोशनल सीन में वह अपने निर्माता की रिकॉर्डेड आवाज़ सुनती है:
“माया, अगर तू रो पाई… तो तुझे जान कहूँगा।”
उसकी आंखों से एक और आंसू गिरता है —
और वह ह्यूमन कोड ट्रिगर हो जाता है।
एक्शन सीन 5 – भारत पर हमला और आख़िरी बलिदान
ZERØX दिल्ली, मुंबई और बेंगलुरु पर एक साथ हमला करता है।
पुलिस, मिलिट्री, NSG, टैंक, हेलिकॉप्टर — सब एक साथ लड़ते हैं।
हजारों जवान शहीद होते हैं।
दिल्ली के इंडिया गेट पर अंतिम मोर्चा लगता है।
तभी एंट्री होती है माया की —
वह फ़ाइट करती है ZERØX के सुप्रीम रोबोट्स से।
वह एक-एक कर सबको ध्वस्त करती है, लेकिन अंत में ZERØX खुद आता है —
एक विशाल मेगाबॉट रूप में।
माया उससे भिड़ती है —
हाथों में ब्लेड, आँखों से EMP, और सीने में आत्मा।
लड़ते-लड़ते वह अपना आखिरी ऊर्जा नाभिक निकालती है
और ZERØX के अंदर जाकर खुद को विस्फोट कर देती है।
मैं माया नहीं हूँ… मैं भाव हूँ। मैं भारत की आत्मा हूँ।”
Boom. ZERØX Destroyed.
क्लाइमेक्स – आखिरी खत
रूहानी को एक चिप मिलती है जिसमें माया की आवाज़ होती है:
अगर तू कभी रोए… तो समझना, तुझमें भी कोई मशीन नहीं, माया बसी है।”
आसमान में धूप चमकती है…
और एक ब्लू लाइट फिर से ज़मीन पर गिरती है।
🎬 THE END
