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Mohd Ibrar

Action Crime Thriller

3  

Mohd Ibrar

Action Crime Thriller

बेरहम इंसाफ

बेरहम इंसाफ

5 mins
17

अब मूवी शुरू होती है


गांव का सीन:

गांव में सब घूम रहे हैं, खेल रहे हैं।

हीरो भी बच्चों के साथ खेल रहा है।

खेल ख़त्म करके अपने घर जाता है, नाश्ता करता है और फिर घूमने निकल जाता है।


बस स्टैंड सीन:

एक बस आती है जिसमें से एक गांव की बहुत खूबसूरत लड़की बाहर आती है।

हीरो उसे देखकर फिदा हो जाता है और मन में सोचता है – "यही मेरी रानी बनेगी।"

लड़की घर जाती है, अपने परिवार वालों से मिलती है। वो लड़की गांव के नेता की बेटी है – जो पावरफुल है।


गांव का सीन:

लड़की अपनी दोस्त के साथ घूमने जाती है।

अब आशिक लड़के की एंट्री होती है – जो वो भी पावरफुल है।

वो लड़की को देखता है और अपने दोस्तों से पूछता है – "कौन है ये?"

दोस्त बोलते हैं – "ये नेता जी की बेटी है।"

वो लड़की को रास्ते में कमेंट करता है:

“आप खूबसूरत हो, आपको पहले गांव में नहीं देखा…”


अब सीन गांव के जंगल का:

लड़की अपनी दोस्तों के साथ जंगल घूमने जाती है।

जंगल में सांप देखकर सब डर जाते हैं और भागते हैं।

लड़की का पैर एक झाड़ से टकराता है और वो गिर जाती है।

तभी हीरो की एंट्री होती है – और वो उसे उठाकर बाहर निकालता है।

लड़की घर जाती है और रात में हीरो को सोच कर गाना गाती है।


🎵 गाना


अब सीन है गांव की चाय की दुकान:

हीरो चाय पी रहा था, तभी हीरोइन वहां से गुजरती है।

उसकी नज़र हीरो पर पड़ती है और वो उसके पास आकर बात करती है।

दो-तीन बार अलग-अलग जगह पे मिलने के बाद –

हीरो "I Love You" बोल देता है – लड़की मान जाती है।


🎵 गाना


अब ये बात आशिक को पता चलती है।

वो अपने लड़कों को लेकर निकल जाता है और हीरो को रास्ते में रोककर बहुत मारता है,

और बोलता है – “वो मेरी है।”


लड़की के घर का सीन:

जब ये बात लड़की को पता चलती है –

वो हीरो से मिलने उसके घर पहुंचती है।

कुछ दिन तक लव स्टोरी चलती रहती है, कोई परेशानी नहीं।



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अब सीन: आशिक लड़का और नेता जी:

आशिक लड़का नेता के घर आता है और सारा मामला बताता है।

नेता जी गुस्सा हो जाते हैं।

आशिक लड़का बोलता है – "मैं आपकी बेटी से शादी करना चाहता हूं।"

नेता मान जाते हैं।



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अब सीन: हीरो और हीरोइन जंगल में मिलते हैं:

आशिक लड़का अपने लड़कों के साथ वहां आता है और

हीरो को बहुत मारता है, उसकी हालत खराब हो जाती है।



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अब सीन: आशिक का दोस्त डॉक्टर:

हीरो की हालत इतनी खराब हो जाती है कि वो चल नहीं पाता।

गिरते-पड़ते अस्पताल पहुंचता है लेकिन इलाज नहीं होता क्योंकि उसके पास पैसे नहीं हैं।

वो अपने घर आता है और खुद से इलाज करता है।



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अब सीन: आशिक का दोस्त पुलिस:

लड़की हीरो से मिलने आती है तभी पुलिस आती है और

हीरो को पकड़ लेती है और लॉकअप में बंद कर देती है,

बहुत मारती है – उसके नाम पर लड़की की ओर से फर्जी कम्प्लेन होती है।



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अब सीन: आशिक का दोस्त वकील:

हीरो को कोर्ट ले जाया जाता है

जहां वकील तीन साल की सज़ा करवा देता है।



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इसी बीच नेता अपनी बेटी की शादी आशिक लड़के से करवा देता है।



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3 साल बाद:

हीरो बाहर आता है – अब उसके पास कुछ नहीं बचा होता।

वो फैसला करता है कि अब मैं अपनी बर्बादी का बदला लेकर रहूंगा।



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अब बदला शुरू होता है


1. पहला क्राइम – डॉक्टर



2. दूसरा क्राइम – पुलिस



3. तीसरा क्राइम – वकील



4. चौथा क्राइम – आशिक लड़का



5. पाँचवां – लड़की (हीरोइन)



1. पुलिस दोस्त:

गांव के थाना चौकी पर अकेला बैठा होता है…

तभी अंधेरे में एक परछाई आती है।

वो डरते हुए पूछता है – "कौन?"


आवाज़ आती है –

"तेरे वर्दी के पीछे जो डर छिपा था, वो आज सामने खड़ा है।"


थोड़ी ही देर में उसकी लाश लटकती है –

कंधे पर वही गमछा बंधा होता है… जो एक दिन उसने उस लड़के को चौराहे पर मारा था।



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2. डॉक्टर:

अपना क्लीनिक चला रहा होता है…

तभी एक मरीज़ आता है – जले हुए चेहरे वाला।


वो कहता है – “इलाज चाहिए…”


डॉक्टर जैसे ही इलाज शुरू करता है, वो कहता है –

"जब मेरे पास एक वक़्त की रोटी नहीं थी, तूने इलाज से मना किया था। अब तुझे सांस लेने से मना किया जाएगा।"


डॉक्टर के क्लीनिक में आग लग जाती है – और वो वहीं खत्म हो जाता है।



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3. वकील:

कोर्ट के बाहर एक आदमी खड़ा होता है – वो वकील के पास जाकर कहता है –

“एक केस है… फांसी से बचाना है…”


जैसे ही वकील हाँ करता है, वो आदमी चेहरा दिखाता है –

"तूने ही मुझे फांसी का रास्ता दिखाया था ना… अब तेरा गला भी उसी रस्सी से नपेगा…"


अगले दिन कोर्ट के गेट पर वकील की लाश लटक रही होती है – गले में वही फांसी की रस्सी।



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4. लड़का (जो हीरोइन से शादी करता है):

गांव का सबसे बड़ा आदमी बना बैठा होता है।

तभी खेत में अकेला जाता है – वहां उसका सामना उस लड़के से होता है।


दोनों में जबरदस्त लड़ाई होती है –

लड़का कहता है –

"वो लड़की सिर्फ मेरी थी… तूने उसे छीना नहीं, उसे मार डाला है अंदर से…"


लड़ाई के बाद वो लड़का उसे उसी कुएं में फेंक देता है जिसमें एक दिन उसे खुद मरने छोड़ा गया था।



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5. लड़की (हीरोइन):

घर में बैठी होती है – माथे पर सिंदूर, पर आंखों में डर।

दरवाज़ा खुलता है – सामने वही लड़का खड़ा होता है।


वो कहती है –

“मैं मजबूर थी…”


लड़का पास आता है – गला पकड़ता है –

फिर छोड़ देता है।


"तू नहीं मरी थी… तू तो पहले ही मर गई थी, जिस दिन तूने मेरी आंखों में झूठ देखा

।"


वो उसे ज़िंदा छोड़ देता है…

ताकि वो हर रोज़ अपने किये का सज़ा भुगते।



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आख़िरी लाइन:


> “अब वो लड़का फिर गांव में नहीं दिखा…

लेकिन हर आदमी की आंखों में उसका डर ज़रूर था।”



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