Dr. Raghav Chauhan

Inspirational

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वन वूमैन आर्मी - आरती सिंह तंवर

वन वूमैन आर्मी - आरती सिंह तंवर

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सफ़लता किसी एक बिन्दु पर ठहराव का नाम नहीं है, बल्कि निरंतर रूप से अपने कर्म-पथ पर गतिशील रहना सफ़लता को सम्बोधित करता है और इसके लिए आवश्यक है अपने जीवन में एक प्रत्यक्ष लक्ष्य का होना। हम ऐसे बहुत से महान व्यक्तियों की जीवनी को पढ़ते हैं, जिन्होंने अपने मूल कर्तव्यों के निर्वाह के साथ-साथ अन्य सामाजिक गतिविधियों में अपना उत्कृष्ट योगदान देकर एक नया परचम लहराया है। ऐसा ही एक नाम राजस्थान की पुलिस उप-निरीक्षक "आरती सिंह तंवर" का भी आता है, जिन्होंने अपनी सेवा के साथ-साथ अन्य सामाजिक कार्यों में भी मानदंड स्थापित कर नारी सशक्तिकरण का एक उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत किया है।

"वन वूमैन आर्मी" के नाम से विख्यात राजस्थान पुलिस उप-निरीक्षक "आरती सिंह तंवर" को कौन नहीं जानता? कहते हैं कि व्यक्ति की पहचान उसके कर्म से होती है ना कि उसके धर्म से। व्यक्ति के कर्म स्वयं परिचय देते हैं। उस व्यक्ति को अपना परिचय देने की आवश्यकता नहीं होती है।

आरती सिंह तंवर भी उन्हीं महान हस्तियों में से एक हैं, जिन्होंने अपने कार्यों से चारों ओर से सराहना बटोरी है। वास्तव में एक माँ, एक बेटी और एक बहु होने के साथ-साथ पुलिस सेवा के उपरांत सामाजिक कार्यों में उत्कृष्ट योगदान उनके कौशल का परिचय कराता है। इतना ही नहीं, आरती सिंह तंवर जहाँ लाखों छात्र-छात्राओं को निःशुल्क शिक्षा देती हैं, वहीं अपने सोशल मीडिया चैनल के माध्यम से लोगों को साइबर अपराधों के प्रति जागरूक करने के लिए भी सम्बोधित करती हैं।

आरती सिंह तंवर का जन्म 13 जनवरी सन् 1990 ई. में विश्व में गुलाबी नगरी (पिंक सिटी) के नाम से मशहूर शहर एवं राजस्थान की राजधानी जयपुर के राजपूत परिवार के तंवर वंश में हुआ था। उनके वंश के बारे में यह भी कहा जाता है कि उस परिवार का प्रत्येक भावी सदस्य देश की सेवा के लिए यूनिफॉर्म पहनता है।

बचपन से ही आरती सिंह प्रखर बुद्धि की थी और पढ़ाई के प्रति पूर्ण समर्पित। उनके पिता का नाम विक्रम सिंह तंवर है, जो कि राजस्थान पुलिस के सेवानिवृत्त अफ़सर हैं। उनका कार्यकाल निरीक्षक के पद पर समाप्त हुआ, जबकि उनकी माता संतोष कंवर एक गृहिणी हैं। इसके साथ-साथ आरती सिंह के एक भाई जिनका नाम डॉ. वीरेन्द्र सिंह तंवर है और बहिन का नाम चंद्रा कंवर तंवर है, जो कि राजस्थान पुलिस में निरीक्षक के पद पर कार्यरत है।

आरती सिंह की प्रारंभिक शिक्षा पुलिस एकेडमी स्कूल से हुई। पढ़ाई के साथ-साथ मार्शल आर्ट में भी रूचि होने के कारण आरती सिंह ने सन् 2009 में कराटे (ओकिनावान श्योरिंन रयू- कराटे डू) में ब्लैक बेल्ट से सम्मानित होकर अपने प्रदेश का मान बढ़ाया।

आरती सिंह अपने पिता की खाकी वर्दी और अपनी बड़ी बहिन के कंधों पर चमकते सितारों को देखकर बड़ी हुई। बचपन से ही खाकी वर्दी और उस पर चमकते सितारों ने आरती सिंह को झकझोर दिया और अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद चमकते सितारों वाली खाकी वर्दी पहनकर अपने सपने को पूरा किया और अपने कर्तव्यों का पूर्ण ईमानदारी के साथ पालन किया।

आपको बताना चाहेंगे कि आरती सिंह तंवर ने वर्ष 2012 में राजस्थान पुलिस को जॉइन किया और मई सन् 2014 ई. को राजस्थान पुलिस में "उप-निरीक्षक" बनी, जिसके फलस्वरूप उन्होंने जयपुर, राजस्थान पुलिस अकादमी (आर.पी.ए.) में ट्रेनिंग ली। आरती सिंह ने सन् 2015 ई. में भारत की सर्वश्रेष्ठ ट्रेनिंग केंद्र से सम्मानित अकादमी- राजस्थान पुलिस अकादमी, जयपुर से पूरी कर जयपुर आयुक्तालय के विभिन्न पुलिस थानों यथा- चौमुँ, झोटवाडा, वैशाली नगर, बगरू, रामगंज, विध्याधर नगर, नाहरगढ़ आदि में अपनी सेवाएँ दीं और वहाँ के विभिन्न प्रकार के मामलों को सुलझाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

आरती सिंह ने अपने कार्यकाल के दौरान थाना बगरू में हुए नेत्रहीन हत्याकांड का मात्र 24 घंटे में खुलासा कर अपनी दक्षता का परिचय किया।

उसके बाद आरती सिंह ने जैसलमेर, सिरोही एवं जोधपुर जिलों में कार्य किया एवं वहाँ से कुछ इंटेलीजेंस टेक्निक सीखी। उसके बाद आरती सिंह ने राजस्थान पुलिस कमांडो ट्रेनिंग स्कूल से "एडवांस कमांडो कोर्स" की ट्रेनिंग पूरी की।

2 साल की ट्रेनिंग पूरी करने के बाद आरती सिंह ने रामगंज थाने में अपर प्रभारी के रूप में अपनी सेवाएं दी और वर्ष 2020 ई. में कोविड-19 के समय अपनी विशिष्टता का परिचय दिया, जिसके सम्मान में ऑल इंडिया रेडियो (एआईआर) ने दिसम्बर 2020 में उनके लाइव इंटरव्यू का प्रसारण किया। 

उसके बाद आरती सिंह ने विद्यानगर और नाहरगढ़ रोड पुलिस थानों में अपनी सेवाएं दी और वहाँ की कानून व्यवस्था को सुधारने में अपना योगदान दिया एवं जन-शिकायतों का भी निवारण किया। इसके साथ ही उन्होनें अपराध करने वाले अपराधियों को भी गिरफ़्तार कर सलाखों के पीछे पहुँचाया। इसी कार्यकाल में आरती सिंह ने दो बड़ी उपलब्धि हासिल की, जिसमें से एक में उन्होनें एक लापता बच्चे का मात्र कुछ ही घण्टों में पता लगाया।

  वहीं दूसरे मामले में उन्होनें एक नवजात शिशु, जो महज कुछ ही घंटो पहले इस दुनिया में आया था और किसी दंपति के द्वारा लावारिस समझकर किसी बंद बोरे में भरकर सड़कर किनारे फेंक दिया गया था, को बचाया। इसके लिए आरती सिंह ने कलेक्टर को एक पत्र लिखा और उसके बाद उस बच्चे के लिए मेडिकल सुविधाओं को भी उपलब्ध कराया। बाद में अपनी टीम के साथ इंवेस्टीगेशन कर उस नवजात बच्चे के माता-पिता को भी खोज निकाला।

उसके बाद वर्ष 2021 में आरती सिंह तंवर ने राजस्थान पुलिस के अंतर्गत प्रशिक्षु आरपीएस, उप-निरीक्षक एवं कॉन्सटेबलों को कानून प्रशिक्षण देने के चयनित किया गया। उसके बाद आरती सिंह तंवर दिशा फाउंडेशन एवं विमुक्ति संस्थान जैसे एनजीओ से जुड़ी और छात्रों के लिए एक कुशल मार्गदर्शिका बन गई।

हम सभी जानते हैं कि covid-19 के समय पूरे देश में वायरस को फैलने से बचाने के लिए संपूर्ण लॉकडाउन लगा दिया गया, जिसके फलस्वरूप छात्रों को परीक्षा की तैयारी करने में परेशानी होने लगी। कोचिंग क्लासेज़ के बंद हो जाने से परीक्षा की तैयारी करने में कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा था। 

इस परिस्थिति में राजस्थान पुलिस उप-निरीक्षक, आरती सिंह तंवर ने बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म का सहारा लिया और बच्चों को फ्री एजुकेशन एवं परीक्षा से सम्बंधित टिप्स भी दिए, जिससे आरती सिंह की चर्चा पूरे राजस्थान में ही नहीं अपितु अन्य राज्यों में भी होने लगी और बहुत कम समय में उनसे विभिन्न राज्यों के बच्चे जुड़ने लगे। बच्चों को उनके पढ़ाने का तरीका बहुत पसंद आने लगा और महज 2-3 साल में ही लगभग10 लाख बच्चें उनके सोशल मीडिया नेटवर्क(Facebook, Instagram, YouTube, Twitter, Telegram) से जुड़ गए। आरती सिंह ने अपने इस कार्य को जारी रखा और आज वे तकरीबन 8 लाख बच्चों को ऑनलाइन (फ़ेसबुक, यूट्यूब, टेलीग्राम, ट्विटर, इंस्टाग्राम के माध्यम से) प्रशिक्षण देती हैं। इस प्रकार आरती सिंह पढ़ने वाले बच्चों के लिए शिक्षिका, मार्गदर्शिका एवं प्रेरणा स्त्रोत हैं।

आरती सिंह तंवर एक लेडी पुलिस अफ़सर होने के साथ-साथ एक समाज सेविका हैं, जिन्होंने सामाजिक गतिविधियों में उत्कृष्ट योगदान दिया है। आरती सिंह अपने ऑफिसियल यूट्यूब चैनल एवं सोशल मीडिया प्रोफ़ाइल के माध्यम से लाखों बच्चों को नि:शुल्क प्रशिक्षण देती हैं।

वे आज समाज में एक कुशल अध्यापिका के रूप में भी जानी जाती हैं। आज लाखों छात्र-छात्राओं की प्रेरणा स्त्रोत बनी आरती सिंह तंवर वर्दी पहनने वालों का सपना पूरा कर रही हैं, अपने अनुभव के आधार पर प्रशिक्षित कर रही हैं। इसके साथ-साथ महिलाओं एवं बच्चों जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं, उनके लिए भी सहायता प्रदान कर रही हैं।

आरती सिंह तंवर ने चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी की छात्राओं के MMS लीक होने वाली घटना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होनें अपने ऑफिसियल यूट्यूब चैनल एवं ट्विटर अकाउंट से एक वीडियो पोस्ट की, जिसमें उन्होनें लोगों से उस वीडियो को बिना देखे डिलीट करने एवं शेयर ना करने की अपील की।

आरती सिंह ने ट्वीट करते हुए कहा कि यह घटना बेहद शर्मनाक है। वे सभी हॉस्टल की छात्राएं हमारी बहिन और बेटी हैं और उनके सम्मान की रक्षा करना हम सभी का दायित्व है। अत: हमें उसी दायित्व का पालन करना है। 

आरती सिंह तंवर द्वारा उठाए गए इस कदम को खूब सराहा गया और राजस्थान पुलिस विभाग द्वारा भी प्रशंसा की गई।

जहाँ नारी शक्ति को कमजोर समझा जाता है, वहाँ आरती सिंह तंवर "वन वूमैन आर्मी" के रूप में जानी जाती हैं।

आज देश में विभिन्न प्रकार के अपराध और अपराधियों की कोई कमी नहीं है, इन्हीं अपराधों में से साइबर अपराध भी एक बहुत तेजी के साथ बढ़ने वाले अपराधों में से एक हैं। आज देश में विभिन्न प्रकार के साइबर अपराध अर्थात् ऑनलाइन फ्रॉड के मामले सुनने को मिलते हैं। साइबर अपराधी नये-नये तरीकों से क्राइम करने की कोशिश करते हैं और अपनी कोशिशों में कामयाब भी हो जाते हैं।

 हाल ही में कुछ नये प्रकार के साइबर अपराधों से जुड़े मामले सामने आए हैं, जिनमें बिजली कनेक्शन के नाम पर ऑनलाइन फ्रॉड, एलपीजी गैस एवं वाटर कनेक्शन के नाम पर फ्रॉड, ऑनलाइन सामान डिलीवर करने, एल्कॉहल सेल करने, जॉब देने के नाम पर ऑनलाइन फ्रॉड शामिल हैं।

बढ़ते साइबर अपराधों के मामलों को देखकर भारत सरकार के गृह मंत्रालय द्वारा लोगों को जागरूक करने की मुहिम चलाई जा रही है, जिसमें विभिन्न एक्टर, एक्टरेस द्वारा विज्ञापनों के माध्यम से जन-जागरूक संदेश दिया जा रहा है कि अपना बैंक अकाउंट डिटेल्स एवं पर्सनल जानकारी किसी को शेयर ना करें, किसी अंजान लिंक पर क्लिक ना करें। 

इसी क्रम में राजस्थान पुलिस उप-निरीक्षक आरती सिंह तंवर ने भी लोगों को साइबर अपराधों से अवगत कराने एवं साइबर अपराधों के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए एक नया कदम उठाया है, जिसमें वे यूट्यूब शॉर्ट के माध्यम से लोगों को साइबर अपराधों के प्रति जागरूक करेंगी।

हाल ही में उन्होनें अपने यूट्यूब चैनल पर Instant फेक लॉन एप्प से सम्बंधित वीडियो अपलोड की, जिसको लोगों द्वारा बहुत पसंद किया गया और सराहा भी गया।

आरती सिंह तंवर एक पुलिस अफ़सर होने के साथ-साथ एक समाजसेविका, लाइफकॉच, मोटिवेशनल स्पीकर, एंकर, आदर्श अध्यापिका एवं परिवार के लिए एक सफल व्यक्तित्व हैं, इन्हीं उपलब्धियों के आधार पर आरती सिंह तंवर को "वन वूमैन आर्मी" कहा जाता है। वास्तव में आरती सिंह तंवर जैसी पुलिस अफ़सर की देश को ज़रूरत है और उनके कार्यों पर राजस्थान ही नहीं बल्कि भारत भी गर्व करता है।



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