विवाह में रिवाज जरुरी है क्या?
विवाह में रिवाज जरुरी है क्या?
हमारी भारतीय संस्कृति, सभ्यता एवं परम्परा में सबसे पुरातन और सनातनी हैं और हर रस्मो रिवाज में वैज्ञानिक सिद्धांत निहित हैं।
रीति रिवाज एवं रस्म हमारी संस्कृति की पहचान हैं।हमारे पूर्वजों द्वारा प्रदत्त अनुपम तोहफ़ा हैं।दो अनजान व्यक्तियों के परस्पर इस वैवाहिक मिलन में ब्रह्माण्ड में उपस्थित पाँच तत्वों (पृथ्वी, जल,अग्नि,वायु और आकाश )का होना इस परिणय गठबंधन को मजबूती प्रदान करता हैं।इसलिए सर्व सार गर्भित क्रियाओं युक्त ये रीति रिवाज जरुरी हैं।
कहावत हैं कि "नया नौ दिन पुराना सौ दिन ",पर आधुनिकता की आड़ में थोपे गए ये अंगूठी इवेंट,प्रीवेड फोटो शूट, अर्धनग्न कपड़े,बॉलीवुड नाईट, भारत में रहते हुए विदेशों में शादियाँ मांसाहार, मदिरा इत्यादि हम या तो दिखावे के चक्कर में या फिर आधुनिक विचारधारा प्रदर्शित करने के लिए अपनाते हैं जिसका वास्तव में विवाह में कोई महत्त्व नहीं होता।
आजकल के रिश्ते क्षणभंगूर रिश्ते हैं, अतः उन्हें सफल एवं मजबूत बनाने हेतू अपनी संस्कृति अपनानी जरुरी हैं क्योंकि आजकल विदेशी ख़ुद भारतीय रीति रिवाजों को अपना रहे हैं। अतः अपनी जड़े मत छोड़ो और पश्चात्यिकरण की अँधी दौड़ में अंधाधुंध मत भागो।
