सुरेंद्र सैनी बवानीवाल "उड़ता "

Tragedy Thriller

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सुरेंद्र सैनी बवानीवाल "उड़ता "

Tragedy Thriller

विश्वासघात

विश्वासघात

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कहानी - विश्वासघात आज रातभर बारिश होती रही थी।राहुल नींद की एक झपकी भी ना ले सका था। नींद उसकी आँखों से कोसों दूर थी। राहुल को पुरानी बातें याद आ रही थी। उसे खुद पर भी बहुत गुस्सा आ रहा था, आखिर क्यों उसने अमन को अपने घर में रहने की इजाज़त दी। दरअसल वो वक़्त ही ऐसा था की दोस्ती के चलते राहुल ने कभी अमन के बारे में इतना नहीं सोचा। राहुल हमेशा अमन को अपने भाई जैसा मानता था। राहुल को याद आ रहा है जब वो और रीना एक साथ M।B।A करते थे और एक ही क्लास में थे।

दोनों के कोर्स से लेकर सीट तक सबकुछ एकसाथ था। साथ-साथ उठते, बैठते, पढ़ते कब वो दोनों एक-दूसरे की तरफ खिंचते चले गए पता ही नहीं चला।अमन कॉलेज में राहुल और रीना के जूनियर MBA बैच में आया था। अमन अपने बैच का सबसे स्मार्ट लड़का माना जाता था। उसका व्यक्तित्व, उसकी ड्रेसिंग सेंस, उसका हेल्पिंग नेचर। उसकी ये सभी खासियत उसे औरों से अलग बनाती थी। राहुल जब पहली बार अमन से मिला था तो वो भी अमन से काफ़ी प्रभावित हो गया था।कॉलेज में कैंपस प्लेसमेंट का समय आ गया था। राहुल ने एक MNC कंपनी का इंटरव्यू क्रैक कर लिया और रीना ने इंडियन कंपनी में HR सेल में अच्छी जॉब पायी। MBA पूरा हो चुका था और राहुल और रीना अपनी-अपनी जॉब ज्वाइन कर चुके थे। दोनों के घर से शादी का दबाव आने लगा था तो उन्होंने अपने पेरेंट्स से बात करके उन दोनों की शादी के लिए मना लिया। सीनियर्स की शादी में जूनियर बैच का न्योता तो होना ही था।

और यहाँ से अमन पूरी तरह राहुल और रीना की ज़िन्दगी में दाखिल हो गया। उसने ना केवल शादी में शरीकी दी बल्कि शादी के सारे काम खुद ही संभाल लिए जिसमें शॉपिंग लेकर जाने से लेकर, कैटरिंग अरेंजमेंट, होटल बुकिंग, डेकोरेशन आदि तक। राहुल और रीना को कोई भी जरुरत होती वो दोनों बेहिचक अमन को बता देते और अमन उनके काम को तभी पूरा कर देता। इस तरह शादी बहुत अच्छे से हो गयी और एक साल गुजर गया। अब कैंपस प्लेसमेंट की बारी अमन के बैच की थी। अमन ने रीना वाली कंपनी का इंटरव्यू क्रैक किया और सेलेक्ट हो गया। अब पहली समस्या जो अमन के साथ आयी वो इस शहर में रहने की थी।अमन की सारी फैमिली बैंगलोर में थी।

अब तक कॉलेज था तो हॉस्टल से काम चल रहा था। लेकिन जब तक प्रोबेशन पीरियड है तब तक अमन को मुंबई में ही कहीं रहने का इंतज़ाम खुद करना था। और ऐसे समय में उसे अपने सीनियर राहुल की मदद लेना उचित लगा। अमन जाकर राहुल से मिला। राहुल ने अमन की बात पूरी होने से पहले ही अपना फ़ैसला सुना दिया "अमन तुम कल ही मेरे फ्लैट पर शिफ्ट हो जाओ। अब से तुम हमारे साथ ही रहोगे। हमारे फ्लैट में दो रूम खाली पड़े रहते हैं। तुमको जो पसंद हो उसमें ही रह लेना। रीना ने भी राहुल की बात का पूरा समर्थन किया अमन की रहने की परेशानी का समाधान हो चुका था।अमन और रीना का ऑफिस एक ही बिल्डिंग में था तो उनका ऑफिस आना-जाना भी एकसाथ हो गया था।

इस दौरान राहुल को प्रमोशन मिल गया था तो उसकी कंपनी उसे विदेशी क्लाइंट्स से डील करने भेजती रहती थी।राहुल अपने काम की वजय से बहुत व्यस्त रहने लगा था। शायद यही वो कमजोर कड़ी थी जिसके चलते रीना और अमन करीब आ रहे थे। राहुल जब भी घर आता रीना उससे ज़्यादा बातचीत नहीं करती थी। एक तरह का अबोला उनके बीच में जगह ले चुका था। राहुल इसकी कोई खास वजय नहीं ढूंढ पा रहा था। राहुल को लगा कि वो काम कि वज़ह से रीना को आजकल ज़्यादा समय नहीं दे पा रहा इसलिए रीना के व्यवहार में बदलाव आ गया है। लेकिन राहुल ने प्लान बनाया कि उनकी मैरिज एनिवर्सरी पर वह रीना को एक सप्ताह के लिए कहीं घुमाने ले जाएगा।

मैरिज एनिवर्सरी के प्लान का राहुल ने रीना से कोई भी ज़िक्र नहीं किया क्योंकि वो रीना को सरप्राइज देना चाहता था।और 21 नवंबर का वो दिन आ गया जब राहुल और रीना एक-दूसरे के हुए थ।राहुल बिना कोई इनफार्मेशन दिए अपने फ्लैट पर पहुँचा।राहुल ने दूसरी चाबी से दरवाज़ा खोला और दबे पाँव बिना आवाज़ किए अंदर दाखिल हुआ।उसने अपना सामान रखा और हाथ में फूलों का गुलदस्ता लेकर(जो वो रीना को देने के लिए खास खुद बनवाकर अपने साथ लाया था ) अपने बैडरूम की तरफ बढ़ा यह सोचकर की रीना वहीं पर होगी। राहुल से खिड़की से झाँक कर देखा और तभी पीछे मुड़ लिया। उसे अपनी आँखों देखी पर विश्वास नहीं हो रहा था। राहुल के सामने जैसे कोई चलचित्र चल रहा था।कितना भरोसा था उसे अमन पर। वो कभी सोच भी नहीं सकता था की रीना उसको धोखा देगी।अमन और रीना को ऐसी हालत में देखकर अब राहुल के लिए और कुछ कहने-सुनने की कोई जरुरत नहीं रह गयी थी।

राहुल दबे पैर ही फ्लैट से वापिस निकल गया। बाहर आकर कुछ दूर चला और एक कॉफी शॉप तक पहुँच गया। राहुल ने एक कॉफी आर्डर की और रीना को फ़ोन करने लगा "हैलो रीना।।। कैसी हो ? " "अच्छी हूँ।।। अच्छा सुनो कब तक आओगे ? " "यही बताने के लिए फ़ोन किया है।। मैं थोड़ा लेट हो गया था तो घंटे तक पहुँच जाऊंगा। तुमने आज का कोई प्लान बनाया है क्या " "मैंने तो नहीं लेकिन अमन ने बनाया हुआ है। बाहर डिनर का" "रीना।। मेरी तबियत कुछ ठीक नहीं है। शायद मैं नहीं जा पाउँगा। कुछ घर पर ही बना लेना हल्का-फुल्का" "अगर तुम्हारी तबियत ठीक नहीं है तो कैंसिल कर देंगे। चलो तुम घर आ जाओ फिर बात करते हैं " फ़ोन रख कर राहुल किसी सोच में डूब गया। उसकी ध्यान किसी की आवाज़ से टुटा "सर आपकी कॉफी " "ओह।।यहाँ रख दो।

थैंक यू " राहुल के दिमाग़ में एकसाथ कई रील चल रही थी। उसे समझ नहीं आ रहा था की कैसे वो रीना से सम्बन्ध ख़त्म करने की बात शुरू करे। राहुल ने अपनी कॉफी ख़त्म की और पेमेंट करके कैफ़े से बाहर आ गया। और सामने पड़ी खाली बेंच पर बैठ गया। कुछ देर ख़ामोशी से बैठा रहा। करीब पंद्रह से बीस मिनट बाद टूटे से मन से उठा और अपने सामान के साथ वापिस अपने फ्लैट की तरफ चल दिया।फ्लैट पर पहुँच कर उसने बैल रिंग की। हालांकि उसके पास फ्लैट की दूसरी चाबी थी और वो खुद से दरवाज़ा खोल सकता था लेकिन उसने ऐसा नहीं किया। रीना ने मुस्कुराते हुए दरवाज़ा खोला "आओ।। बड़ी देर करदी आने में " "हाँ। ट्रैफिक जाम की वजह से थोड़ा समय लग गया। वैसे भी मुझे जल्दी नहीं थी " "मैंने तो समझा था मेरे लिए कोई गिफ्ट लाओगे, कोई बूके वगैरह। " "हाँ।। वो समय नहीं मिल पाया खरीदने का " "कोई बात नहीं।। मैं तो वैसे ही कह रही थी। जाने दो"।

अमन राहुल के पास आया "राहुल भाई हैप्पी मैरिज एनिवर्सरी " "थैंक यूं अमन कैसे हो ? " "अच्छा हूँ।। चलो ना पार्टी करते हैं। " "नहीं अमन मेरी कुछ तबियत ठीक नहीं है। मैं थक गया हूँ और रेस्ट करना चाहता हूँ। तुम चाहो तो अपनी भाभी को ले जाओ" तभी रीना बोल पड़ी "नहीं नहीं आपके बिना मैं कहीं नहीं जाने वाली। वैसे भी मैरिज एनिवर्सरी हम दोनों की है तो हम दोनों को ही जाना चाहिए " "ऐसा कुछ नहीं है। ये सब तो कहने की बात है। " खाना खाकर राहुल अपने बेड पर लेट गया। रीना और अमन कॉमन रूम में टीवी देख रहे थे।

रीना कुछ देर बाद आयी और राहुल के साथ लेट गयी। रीना को लगा राहुल सो चुका है जबकि वो ये नहीं जानती थी कि राहुल किसी अंतरद्वन्द से गुजर रहा है। अगले दिन सुबह रीना और अमन अपने ऑफिस के लिए निकल चुके थे और राहुल फ्लैट पर अकेला था। राहुल का मन बिल्कुल नहीं लग रहा था। राहुल ने कुछ देर टीवी प्रोग्राम देखा, फ़ोन पर मेल चैक करने लगा। और दिन के समय सो गया। शाम के समय रीना ने चाय के साथ राहुल को जगाया।"उठो राहुल।। कल से देख रही हूँ कुछ अलग से लग रहे हो। कोई प्रॉब्लम है तो बता दो।

क्या काम का बहुत ज़्यादा प्रेशर है आजकल तुमपर " "नहीं रीना ऐसी कोई बात नहीं।।। अरे हाँ मैं तुमको बताना भूल गया था मुझे आज रात न्यूयॉर्क के लिए निकलना है। क्लाइंट के साथ अर्जेंट मीटिंग है। " "ठीक है। मैं तुम्हारा बैग पैक कर देती हूँ और खाना बना देती हूँ। थोड़ा समय से ही निकलना ताकि ट्रैफिक जाम ना मिले " राहुल को ताजुब्ब हुआ कि उसके बाहर जाने की बात पर रीना हमेशा कहती थी कि उसके लिए राहुल के पास समय नहीं है। लेकिन आज रीना ने ऐसा कुछ भी नहीं कहा।शायद रीना भी राहुल से अलग होने का मन बना चुकी है। राहुल न्यूयोर्क में था। उसे शाम चार बजे एक मेल नोटिफिकेशन आयी। राहुल ने चैक किया तो देखा रीना की थी।

रीना ने मेल में ज्यादा कुछ नहीं लिखा था। उसने सिर्फ इतना लिखा था कि राहुल मेरे लिए तुम्हारे साथ रहना मुश्किल हो रहा है। और अब मैं तलाक चाहती हूँ। डाइवोर्स पेपर तुम्हें दो दिन में मिल जायेंगे।राहुल को रीना की मेल पढ़कर जरा भी सदमा या झटका नहीं लगा वो तो जैसे खुद यही चाह रहा था। राहुल ने लैपटॉप बंद किया और बैग उठाकर एयरपोर्ट के लिए निकल लिया। मुंबई में सुबह से ही बहुत बारिश हो रही थी। रात के करीब नौ बजे राहुल अपने फ्लैट पर पहुँच गया था। वहाँ कोई नहीं था। अमन भी अपना सामान ले जा चुका था। रीना के कपडे और अन्य सामान भी गायब थे। राहुल ने कपडे चेंज किए और ऑनलाइन खाना आर्डर किया। और खाना खाकर राहुल लेट गया। राहुल को कोई मलाल नहीं था लेकिन वो ये नहीं समझ पा रहा था कि उसके साथ बड़ा विश्वासघात किसने किया था। रीना ने या अमन ने।


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