उन से मुलाक़ात यूँ हुई!
उन से मुलाक़ात यूँ हुई!
उस समय तुम्हें देख कर लगता नहीं था कि तुम कभी मेरे भी होंगे पर किस्मत ने मुझे तुमसे मिला दिया । यह उन दिनों की बात है जब मेरी तुमसे मुलाक़ात हुई। याद है तुम्हें जब पहली बार तुमसे बात करने का सिलसिला चालू हुआ तो यूँ चला कि तुम मेरे हो गए में तुम्हारी । जब पहली बार आपसे बात की तब थोड़ा समय लगा जानने में आपको । फिर धीरे-धीरे मिलते गए सिलसले चलते गए।
कभी सोचा नहीं था कि आपसे बात भी कभी होगी या आप मेरी किस्मत में आएंगे पर देखो, आप मुझे मिले भी मेरी किस्मत में भी आये । पहले तो सिर्फ देख कर ही लगता था कि किसको देख लिया ।
जब देखना चालू किया तो प्यार हो गया उन नज़रों से जो मुझे रोज़ देखती है और जिनका मुझे इंजतार रहता है कि कब वे मुझे देखेंगी।अगर अपने उस दिन फ़्रेंडबूक में कमेंट न किया होता तो शायद आप मेरे साथ न होते । उस एक कमेंट ने आपको मेरा बना दिया । याद है 31 जनवरी की पूरी रात हम दोनों ने बात की। फिर वह बात ऐसी चली की आपने मुझे खुद का बना लिया। आपका क़ुबूल करना, आपका यूँ देखना मुझे सब अच्छा लगने लगा ।

