तुम्हारे न होकर
तुम्हारे न होकर
हम तुम्हारे हो कर भी, कभी तुम्हारे होये नहीं
हम तुम्हारे लिए रो कर भी,कभी रोये नहीं
हम तुम्हें खो कर खुशियां तलासते रहे जहां में,
मगर हम कभी खुश हो कर भी खुश होये नहीं
तुम्हारे जाने के बाद हम किसी और के हो गए,
मगर उसके होने के बाद भी उसके कभी हुए नहीं।