क्या गरीब होना गुनाह है?
क्या गरीब होना गुनाह है?
क्या साहब अमीरों के लिए हवाई जहाज और गरीबों के लिए रेलगाड़ी,वह भी उनके शरीर के ऊपर से~
यह न्याय तो नहीं है क्या इस देश में गरीब होना गुनाह है? या देश अब अमीरों के हाथ में है!
व्यापार करो साहब!लेकिन किसी गरीब की जान का नहीं।
आज हमारे समाज में हर रोज कोई ना कोई गरीब मरता है फिर चाहे बेरोजगारी हो या भूखमरी या फसल बर्बाद होने का दुःख ।
लेकिन उसे सहानुभूति के अलावा कुछ नहीं हाथ लगता,
राजनीति करने वाले सिर्फ ऊंचे ऊंचे भवनों और सभाओं की शोभा बनाते हुए नजर आते हैं,
कोई राजनीतिक दल इस समस्या को स्वीकार नहीं करने वाला कोई है ! तो वह खुद गरीब उसके पास आवाज उठाने के अलावा और कोई चारा नहीं और जब वह अपने हक के लिए लड़ाई लड़ता है, तब यही अमीर राजनीतिक दल उसकी आवाज को आवाम के लिए दबा देना चाहते हैं,
और अगर कहीं गलती से कोई गरीब उस मुकाम तक पहुंच गया तो उसे तरह-तरह के दिक्कतों का सामना करना पड़ता है क्या यही समाज का रोजी-रोटी का जरिया बन गया दूसरों के हक को छीनकर अपना हक भरना
ऐसा तो नहीं था संविधान बनाते समय हर समाज हर वर्ग हर धर्म हर जाति हर नागरिक को या स्वतंत्रता दी गई थी कि वह समाज में दो वक्त की रोटी सुख से खा सकें और अपना नाम और इज्जत कमा सकें लेकिन वर्तमान समाज को देखकर भविष्य की कल्पना करना थोड़ा मुश्किल होगा वर्तमान युवा पीढ़ी जितना विकसित और जागरूक है उससे कहीं ज्यादा अपंग होती जा रही है और उसे ऐसा बनाने वाला और कोई नहीं अमीर राजनीतिक दल और राजनेता हैं।
समाज का एक गरीब कड़ी मेहनत करके दिन रात एक कर के एक बड़ा अधिकारी बनता है लेकिन क्या फायदा नहीं राजनीतिक दल के आगे उसे सुननी पड़ती है जबकि वह उनसे ज्यादा समझदार और बुद्धिमान हो सकता है लेकिन यहां ऐसा नहीं है समाज का पढ़ा-लिखा युवा नौकरी करता है और और राजनेता जो अधिकतर अनपढ़ हैं|

