Abhishek Bhatia

Drama Horror Romance

4.6  

Abhishek Bhatia

Drama Horror Romance

ट्रिप विथ माय फ्रेंड्स 2

ट्रिप विथ माय फ्रेंड्स 2

7 mins
12K


नमस्कार दोस्तों 

मैं आशा करता हूँ की आपको मेरी कहानी ट्रिप विथ माय फ्रेंड्स पसंद आयी होंगी तो आज मैं इसका दूसरा पार्ट ले कर हाजिर हूँ पहले पार्ट में हमारे साथ कुछ हुआ बहुत सी अजीब बातें हुयी और बहुत से सवाल भी मन में आये इन सभी सवालों के जवाब ले कर मैं हाजिर हूँ।

उस हिल स्टेशन और झील के बीच का रास्ता बहुत ही रोमांच से भरा हुआ था दोनों तरफ खाई और बीच में हम चले थे बाहर सिर्फ धुंध ही दिख रही थी ऐसा लग रहा था की हम उड़ रहे है पर हमने नशा नहीं किया था बहुत ही प्यारा नज़ारा था। हम वहां झील पर 3 बजे तक पहुंच गए। वहां निशांत और अंशुल पहले ही पहुंच गए थे, हम सभी वहां मंदिर में दर्शन करने चले गए इसके बाद हम बाहर एक मैदान मैं बैठ गए, आकाश निशांत को बोलने लगा तुम तो नहीं आने वाले थे बहुत नाटक कर रहा था। तभी निशांत बोला वो बातें बाद में पहले तुम लोगो से मुझे किसी को मिलवाना है। तभी सामने से शेखर और एक लड़की आयी मैं उस लड़की को देख कर हैरान रह गया ये वही थी जो मुझे बार बार दिख रही थी, तभी निशांत बोला शेखर को तो तुम सभी जानते हो ये मेरी फ्रेंड शिखा है। वो मेरे पास आयी और hi बोला पर मेरे से कुछ नहीं बोला गया इस पर आकाश बोला क्या हुआ ये भी कहीं तेरे को दिख तो नहीं रही थी और हँसने लगा। पर मेरे मन में तो काफ़ी सवाल उठ रहे थे जिसका जवाब सिर्फ निशांत ही दे सकता था इसके बाद हम वहां घूमे वहां मेला लगने वाला था तो वहां भीड़ थी, इसके बाद हम होटल के लिए चल पड़े। निशांत ने पहले ही होटल बुक करवा दिया था मैंने सोचा होटल में जा कर निशांत से बात करता हूँ। इसके बाद हम होटल के लिए चल पड़े, होटल पहुंचते ही मैंने निशांत को बोला की तुमसे बहुत ज़रुरी बात करनी है इसके लिए हम एक कमरे में चले गए। वहां मैंने निशांत को सारी बात बताई ये सुन कर वो हक्का बक्का रह गया उसने बोला अब मुझे सच बताना ही पड़ेगा, मैंने बोला क्या सच तो उसने मुझे एक कहानी सुनाई जो की उसके साथ हुआ था। 

बात 5 साल पहले की है जब मैं उस हिल स्टेशन पर पहली बार गया था मुझे वो जगह बहुत ही पसंद आयी पर मैं वहां अक्सर जाने लगा मुझे वहां रहना बहुत अच्छा लगता था। शहर की भीड़ से तंग हो गया था और वहां बहुत ही सुकून मिलता था पर मेरे घर वाले मना करते थे, बोलते थे जब देखो वहां चला जाता है कोई काम नहीं करता है उनको मेरा वहां जाना बिलकुल पसंद नहीं था। फिर मैंने सोचा क्यों ना यहां से कुछ ऐसा मिल जाये जिसको मैं शहर जा कर बेच सकूँ इससे मुझे यहां आने का बहाना मिल जायेगा। तो मैंने वहां ढूढना शुरू कर दिया ढूंढते ढूंढते मैं पास के एक गांव में चला गया वहां मेरी नजर एक दुकान में रखी दाल पर पड़ी उसका रंग अजीब था, मैंने दुकानदार से पूछा इसका रंग ऐसा क्यों है तो दुकानदार बोला इसकी खेती हम खुद करते है और यहां इसका रंग ऐसा ही होता है। पर ये सेहत के लिए बहुत ही फायदेमंद है इसको लेने लोग दूर दूर से आते है मैंने उसको बोला मैं इसको इक्कठा उठाऊंगा तो मुझे कुछ छूट मिलेगी क्या? तो वो बोला हाँ बिलकुल इसके बाद हमने उसका रेट किया मैंने उसको बोला 10kg दे दो, इसके बाद और ले जाऊँगा उसने बोला ठीक है।  उसने आवाज़ लगाई झुमको 10kg दाल बांध दो, झुमको उसकी लड़की का नाम था झुमको बहुत ही सुन्दर थी जब मैंने उसको पहली बार देखा तो बस देखता ही रह गया।  उसकी बड़ी बड़ी आंखे काले बाल वो एक जीती जागती मूरत थी मैं तो उसमे खो सा गया था, उसने मेरे साथ सामान गाड़ी में रखवा दिया। मैंने बात करने के लिए सबसे पहले उसका नाम ही पूछा उसने बोला आपने नहीं सुना जब मेरे पिताजी ने मुझे बुलाया मैंने बोला अब बात करने के लिए कुछ तो पूछना पड़ेगा ना तो वो हंसी और शर्माते हुए चली गयी। मैंने भी गाड़ी स्टार्ट की और वहां से चल पड़ा आज मुझे यहां वापिस आने की असली वज़ह मिल गयी थी, अब तो मन कर रहा था अब तो यही का हो जाऊँ। मैं वहां हर दूसरे तीसरे दिन आ जाता था क्योंकि मेरा दिल कहीं और नहीं लगता था। अब हम अक्सर मिलते और पहाड़ों पर घूमने निकल जाते वो मुझे ऐसे ऐसे जगहों पर ले जाती जहाँ लगता बस इसके आगे कुछ नहीं है और स्वर्ग से भी ज्यादा सुन्दर लगती थी। हम दोनों एक दूसरे के काफ़ी नज़दीक आ गए थे और शादी करना चाहते थे, पर भगवान को कुछ और मंजूर ही था। एक बार शेखर और अंशुल ने बोला की हमें भी उस लड़की से मिलना है जिसने हमारे दोस्त को हमसे चुरा लिया और उस जगह को भी देखना है। मैंने भी बोल दिया क्यों नहीं, इसके बाद हम तीन और उनकी दोस्त हम पांच निकल पड़े उन चारों को भी वो जगह बहुत पसंद आयी कहने लगे ये तो धरती पर स्वर्ग है मैंने बोला अभी स्वर्ग की देवी तो आगे मिलेगी और जब अंशुल ने झुमको को देखा तो बोला सच में स्वर्ग की देवी ही है।  झुमको ने हमारा स्वागत किया उसने हमारे लिए खाना बना दिया था हमने भी खाना खाया और थोड़ी देर आराम किया इसके बाद हम सभी घूमने जाने के लिए तैयार हो गए। पर जाना कहाँ है? तब अंशुल बोला मैंने यहां एक रेलवे ट्रैक के बारे में बहुत सुना है जो की अंग्रेजों के समय का है वही चलते है। तो तय हो गया की वही चलेंगे सारे इसके बाद हम 6 लोग वहां के लिए चल पड़े। उस जगह को देख कर सभी बहुत ही खुश हो गए और बोले ऐसा नज़ारा हमने कभी नहीं देखा ऐसा लग रहा था हम बादलों के ऊपर है, नीचे एक नदी थी जो हमें नहीं दिख रही थी। थोड़ी देर वहां नजारों का मज़ा लेने के बाद सभी बोलने लगे क्यों ना रात यही पर बितायी जाये, पर झुमको ने साफ मना कर दिया क्योंकि वहां रात को बहुत तूफ़ान आता था और वहां रहना नामुमकिन था।  पर मैंने झुमको को समझाया की मौसम तो साफ है अगर ऐसा होता है तो हम फटाफट नीचे चले जायँगे बहुत देर समझाने के बाद झुमको मान गयी। इसके बाद हम सभी सामान इक्कठा करने लग पड़े इसके बाद हमने वहां टेंट लगया और आग जलाई इसके बाद हम आग के आसपास बैठ गए। माहौल को रोमांटिक बनाने के लिए हमने रोमांटिक गाने लगा दिए और साथ में गाने लगे माहौल बहुत ही रोमांटिक हो गया था, मन कर रहा था की ये वक्त कभी ख़तम ना हो हम इतने मंत्रमुग्ध हो गए थे की हमें पता ही नहीं चला की तूफान आ गया। सब कुछ उड़ने लगा इतने में हम कुछ समझ सकते जोर से बारिश शुरू हो गयी और जोर से हवा चलने लगी, हवा इतनी तेज हो गयी थी की हमारा खड़ा होना मुश्किल हो गया था हम सभी ने हिम्मत कर के वहां एक पेड़ को जोर से पकड़ लिया, पर वो पेड़ उखड़ गया और हम सभी को ले कर खाई में लटक गया मैंने झुमको को पकड़ा था हम दोनों वहां खाई में लटके हुए थे बाकी सब नीचे गिर चुके थे। झुमको मेरे साथ रोते हुए बोली मैं मरना नहीं चाहती बल्कि तुम्हारे साथ जीना चाहती हूँ मैंने बोला मैं भी तुम्हारे साथ जीना चाहता हूँ पर भगवान को ये मंज़ूर नहीं था जिस पेड़ पर हम लटके हुए थे वो टूट गया और उसकी एक टहनी झुमको के पेट में घुस गयी और वो मर गयी।  मेरा भी हाथ छूटा और मैं भी नीचे जा गिरा जब निशांत ने मुझे ये बात बताई तो उसकी आँखों में आँसू थे और यहां मैं बहुत ही डर चुका था मैंने घबराते हुए पूछा भाई तू ज़िंदा है निशांत बोला तुझे क्या लगता है? 

तो ये था दूसरा भाग मैं आशा करता हूँ की आपको पसंद आएगा तीसरा भाग ले कर जल्दी हाज़िर हूंगा वो अंतिम भाग होगा 

    



Rate this content
Log in

Similar hindi story from Drama