Turn the Page, Turn the Life | A Writer’s Battle for Survival | Help Her Win
Turn the Page, Turn the Life | A Writer’s Battle for Survival | Help Her Win

Deendayal Mishra

Classics

4.4  

Deendayal Mishra

Classics

सुसंगत का असर

सुसंगत का असर

1 min
73


आइंस्टीन के ड्राइवर ने एक बार आइंस्टीन से कहा--"सर, मैंने हर बैठक में आपके द्वारा दिए गए हर भाषण को याद किया है।" आइंस्टीन हैरान !!!

उन्होंने कहा- "ठीक है, अगले आयोजक मुझे नहीं जानते।आप मेरे स्थान पर वहां बोलिए और मैं ड्राइवर बनूंगा।ऐसा ही हुआ, बैठक में अगले दिन ड्राइवर मंच पर चढ़ गया।और भाषण देने लगा...उपस्थित विद्वानों ने जोर-शोर से तालियां बजाईं।

उस समय एक प्रोफेसर ने ड्राइवर से पूछा - "सर, क्या आप उस सापेक्षता की परिभाषा को फिर से समझा सकते हैं ?"

असली आइंस्टीन ने देखा बड़ा खतरा !!! इस बार वाहन चालक पकड़ा जाएगा। लेकिन ड्राइवर का जवाब सुनकर वे हैरान रह गए...

ड्राइवर ने जवाब दिया- "क्या यह आसान बात आपके दिमाग में नहीं आई ? 

मेरे ड्राइवर से पूछिए,---वह आपको समझाएगा ।"

नोट : "यदि आप बुद्धिमान लोगों के साथ चलते हैं, तो आप भी बुद्धिमान बनेंगे और मूर्खों के साथ ही सदा उठेंगे-बैठेंगे तो आपका मानसिक तथा बुद्धिमता का स्तर और सोच भी उन्हीं की भांति हो जाएगी..!!!

इसीलिए चाय की दुकानो की रौनक बढाने, जुलूस की शान बढाने की नहीं अच्छी तालीम लेने और तालीमयाफ्ता लोगो की सोहबत की जरूरत है!


Rate this content
Log in

More hindi story from Deendayal Mishra

Similar hindi story from Classics