सुनहरे पल
सुनहरे पल
शामली के पति की मृत्यु को आज पूरे 5 साल हो गए थे जब से लेकर आज तक उसने बड़े से लेकर छोटे तक के ताने सुनती आ रही थी एक भी मौका नही छोड़ता था कोई भी उसे नीच दिखने में उजको तो सब ने काम वाली बाई बना रखा था खाने के लिए दो वक़्त की रोटी ही तो देते थे वो लोग उसे पहने के लिए अपनी उतरन और दवाई भी जब वो ज़्यादा बीमार पड़ जाती थी अब घर का काम को करेगा ये सोच कर इलाज करा देते हैं बस !
दिन भर पूरा काम मे निकल जाता था रात में भी भी उसे सुकुन नही था कोई न कोई काम बात ही देते थे वो बिचारी न चाहते हुए भी करना ही पड़ता था सोचती नही किया तो पता नही मेरे साथ क्या करे अगर घर से ही निकल दिया तो मैं कह जाऊँगी इतने बड़े जहाँ में मेरा कोई तो नही है बाहर जा कर पाता नही कैसे कैसे लोग मिले क्या पता इतनी पढी हुई भी नही थी जो कोई जॉब ही कर ले !
कभी कभी तो दिल चाहता था कि चीख चीख कर सब को बता दे उनके जाने के बाद तुम सब ने मेरे था इस क्यों किया मेरा भी इस घर पर उतना ही हक़ है जितना कि तुम सबका काम के लिए मैं ही हूँ क्या कोई और काम कयय नही करता सब मुझसे ही कहते हैं मार भी रहे हो तब भी करो काम के टाइम ओर कोई बाते बना बना कर अपना काम निकलवा लेता है उस के बाद बाटे सुनाने में भी कोई पीछे नही रहता !
कोई मुझे फ्री में नही खिलाता, खाने से ज्यादा तो काम करवा लेता है काम भी करो और बाते भी सुनो आज मुझे वो सुनहरे दिन याद आ रहा है जब वो मेरे साथ थे कितना ख्याल रखते थे वो मेरा सब ये सब भी हर टाइम भाभी भाभी करते हुए नही थकते थे जो भी घर मे काम होगा अगर भाभी हा करेगी तभी हीग नही तो नही इस लिए जिस को काम मे न नही सुननी होती थी मुझे ही माखन लगाने में लग जाता था !
कोई न कोई फायदा दिख कर मुझे माना ही लेते थे और आज बात करना तो दूर भनक भी नही लगने देते घर मे क्या हो रहा है क्या नही मुझे तो सब होने के बाद ही पता लगता है ये काम हो गया है !
आज के समाज मे साथी का होना इतना जरूरी है अब समझ मे आता है कितनी जल्दी लोग अपना रूप बदल लेते हैं आज मुझे खुशी है कि मेरी कोई औलाद नही है अगर होती तो पता नही उसके साथ क्या होता जब मुझसे भी बर्दास्त नही होता पर एक दुआँ जरूर करती हो भगवान किसी को भी ये दिन न दिखाई जो मैं भुगत रही हूँ अगर दे तो उसके मुँह में ज़बान भी कैची की धार की तरह तेज़ दे जिससे वो इस समाज के रूप से लड़ सके सीधे लोगो का तो यह कोई काम भी नही है सीधे को तो ये दुनिया झुका ही देती है !
