STORYMIRROR

Nidhi Garg

Comedy Inspirational

4  

Nidhi Garg

Comedy Inspirational

सुंदरता के बेतुके पैमाने

सुंदरता के बेतुके पैमाने

4 mins
374

"देखो कवित क्या मै मोटी हो गयी हुँ",शीशे के आगे कमर इधर उधर घुमाते हुए ,तुलिका बोली।

"ह्म्म्,हाँ कुछ कम कर सकती हो", मोबाइल मे देखते देखते ही कवित बोला।

"क्या मतलब है तुम्हारा? मै मोटी हो गयी हूँ", एंठते हुए तुलिका बोली।

"अरे मतलब यू आस्कड तो आइ टॉल्ड यू। ऐसा कोई इशू नहीं है। चिल!", कहकर कवित उठकर चला गया।

पर तुलिका को कवित की बात लग चुकी थी। शादी के इतने साल बाद आज तक कवित ने तुलका को कभी वजन को लेकर असहज नहीं किया था पर आज पता नहीं क्यूं कवित ने सीधे बोल दिया कि कुछ कम कर सकती हो।

तुलिका और कवित की शादी को लग्भग दस वर्श हो चूके थे और दोनो कि एक बिटिया भी थी। तुलका नौकरी पेशे वाली स्त्रि थी जो दफ़्तर के काम मे बहुत व्यस्त रेहती थी और इसीलिए अपने उपर ज्यादा ध्यान नही दे पाती थी।

रात भर तुलिका कि आँख नहीं लगी और उसी उधेड़ बुन मे उसने अपनी ब्यूटी टीप्स दोस्त को काल लगाया।

"देख तुलिका ये सारे पति ऐसे ही होते है। तुम्हे अपना ख्याल रखना चाहिए। कल से मेरे साथ जोगिंग पे चल। एक महिने मे सब ठीक हो जायेगा ।तू भी मेरी जैसी हो जायेगी", कहकर इशिता ने तुलका को अगली सुभह् के लिए राज़ी कर लिया।

सुभह उठ कर सीधे तुलिका सैर पर निकल गयी। और यही सोचती रही कि अब बस रोज टहलना है। दो तीन दिन तो दिन चर्या ठीक रही पर उसके बाद तुलिका के पैरों में दर्द बढ़ गया। पर उसने टहलना बंद नहीं किया। अब सिर्फ टहलने भर से वजन कम नहीं होता उसके लिए खाने पीने मे भी बहुत परहेज करना पड़ता है। तुलिका ने बिना सोचे समझे इशिता के केहने मे आकर खाना भी कम कर दिया। सुभह भी दौड़ लगा के आती, दिन भर दौड़ती भागती और फिर रात मे पैरों मे दर्द क़ी वजह से पड़ी रहती। उसने अपने भड़ते दर्द के बारे मे कवित को भी कुछ नहीं बताया। दिन बीतते रहे और लगभग एक महीने बाद तुलिका को कुछ लोगों को पार्क से हाथो के सहारे पकड़ कर घर छोड़ कर जाना पड़ा।

"तूलिका व्हाट् इज दिस? कैन यू प्लीज स्टॉप बेहविंग लाइक ए टीन एजर", गुस्से मे कवित बोला।

"पर उस दिन तुम्ही ने तो कहा था कि मुझे कुछ कम कर लेना चाहिए। इसी वजह से आइ एम जस्ट ट्राइंग", आंसु पूछते हुए तुलिका बोली।

तुलका को रोता देख कवित को बहुत पछतावा हुआ कि तुलिका ने उसकी बत को दिल पर लगा लिया है और उसकी बात का गलत अर्थ निकल के बैठी है।

" देखो तूलिका! तुम जैसी भी हो मुझे आज भी बहुत पसंद हो। मेरा मतलब उस दिन सिर्फ ये था कि बढ़ते वजन से बहुत सी परेशानियां आ सकती हैं। जैसे डाईबेटिस हाई बीपी और कुछ दिनों से तुम्हे पैरो में दर्द भी था तो मुझे लगा कि शायद वजन कम करने से दर्द भी कम हो जायेगा। और अगर तुम्हे खुद से ऐसा लग रहा है कि यू नीड टू लूज़ तो उसमे मेरे वैलिडेशन कि जरूरत कहाँ है। मुझे लगा कि शायद तुम अपने लिए समय निकालना चाह रही हो और जो जरूरी भी है इसीलिए मैने तुम्हारी बात का जवाब हाँ मे दिया। वजन कम करना, ना करना इज ऑलवेज इंडिविजुअल्स चॉइस। मै सुंदरता के उन बेतुके पैमानो पर विश्वास नहीं करता जो सिर्फ गोरी और पतली लड़की को सुंदरता का सार्टिफिकेट देते है। सुंदरता इंसान के समूचे व्यक्तित्व मे होती है।

"पर मै वाकई मे वजन कम करना चाहती हू", परेशान तुलिका बोली।

" ठीक है तो उसके लिए जो तुम्हारी हेल्थ अलाउ करे वो व्यायाम करो ना कि चप्पल पहन कर टहलने निकल जाओ। पौष्टिक चीजें खाओ नाकि भूके रहकर बेहोश हो जाओ। बजन कम करना कोई दौड़ नहीं है। ये खुद से खुद कि जंग है",तुलिका का हाथ सहलाते हुए कवित बोला।

आह्! बहुत दर्द हो रहा है", तुलका पैरो को दबाते हुए बोली।

"हा हा हा, मेरी पी टी उषा। और दौड़ो चप्पल पहन के उस उड़न परी के साथ", कवित ने फिर चुटकी ली और तुलिका उदास हो गयी।

"चलो ठीक है कल से मै भी तुम्हारे साथ चलूँगा और आज हि तुम्हारे लिए स्पोर्ट्ज़ शूज लेकर आते हैं। फिर पैरो मे दर्द नहीं होगा", तुलिका का हौसला बढ़ाते हुए कवित बोला।

" मै तुम्हरे लिये चाय बना कर लाता हुँ तुम आरम करो, और इशिता को कहना तुम्हे पतला नहीं होना उसकी तरह।मै और पतियों कि तरह नहीं हुँ, हा हा हा"।

"गंदे! तुमने हमारी बातें सुनी। व्हाई दिन्ट यू स्टॉप मी देन", तकिया फेक कर मारते हुए तूलिका बोली।

" अरे मुझे लगा अब तुम वजन कम करना चाह ही रही हो तो बढिया है" कुछ शांति के बाद फिर से कमरे मे हँसी की आवाजें गूँज उठी।


Rate this content
Log in

Similar hindi story from Comedy