सत्य की होती जीत सदा
सत्य की होती जीत सदा
सत्य की होती विजय सदा,असत्य की पराजय निश्चित है।
साहस हो जिनके अंदर,उनकी ही विजय सुनिश्चित है।
चुनौतियाँ नित्य नया संघर्ष बन आती हैं जीवन में,
मंजिल वही पाते हैं सदा जो इन्हें करते स्वीकृत हैं।
सत्य की होती विजय सदा....
नतमस्तक हो जो शीश कटवा लें,वो वीर भला कैसे कहलाएंगे ?
मातृभूमि के लिए जो हंसते हंसते करे प्राण न्यौछावर
वो वीर ही सदा अमर कहलाएं जाऐंगे।
सत्य संग संघर्ष ही मिलता सदा ,ये पथ सुगम न होते कभी।
चकाचौंध में ना भरमाना तुम असत्य सदैव हुआ तिरस्कृत है।
सत्य की होती विजय सदा....।
अधर्म को समाप्त कर ,धर्म का प्रसार करे हम,
सहिष्णुता की ध्वज फहरा हृदय दयाभाव का ही संचार करे हमारा सदा,
श्रीराम और कृष्ण के जीवन से भी ले हम शिक्षा जरा।
वेदों,पुराणों और धर्मग्रंथों में सर्वत्र यही वर्णित है।
सत्य की होती विजय सदा ......
भविष्य निखरता अपने ही कर्मों से सदा,
क्यों लगाते हो आरोप औरों पर भला ?
अपने अच्छे बुरे कर्म ही लौट आते हैं जीवन में ।
हर मानव की पहचान सर्वदा, इसी से होती अविजित है।
सत्य की होती विजय सदा, असत्य की पराजय निश्चित है।