Vandana Yadav

Romance Drama

4.0  

Vandana Yadav

Romance Drama

सोलमेट्स

सोलमेट्स

6 mins
497


दुख-तकलीफें चाहे कितनी ही क्यों न आई हों मेरी जिदंगी में लेकिन मैंने कभी प्यार से खुद का भरोसा नहीं उठने दिया। मेरी जिंदगी में मैं कई असफल रिश्ते देखे, पहला जब टीनएज वाला प्यार हुआ और अभि ने मुझे पहले प्यार का मतलब समझाया तो कभी लगा ही नहीं था कि वो प्यार ऐसे एक दिन मेरी जीवन से चला जाएगा। दस साल मैं एक ऐसे रिश्ते में थी जिसमें सबकुछ था प्यार-मोहब्बत, लड़ाई-झगड़े और एक-दूसरे की लिए तड़प जो हमें इस रिश्ते से दूर नहीं जाने देती थी। कितनी बार हमने एक-दूसरे को छोड़ा और फिर कुछ न कुछ करके शायद भगवान ही हमें वापस मिला देते थे। मैंने तो मान लिया था कि अभि ही मेरा सोलमेट है। उसके लिए सबकुछ करने के लिए तैयार थी। फिर एक दिन वो चला गया सिर्फ ये कहकर कि अब वो मेरे साथ नहीं रह सकता क्योंकि हम दोनों का साथ में कोई भविष्य नहीं है। किसी को जाता हुआ देखना मेरा दिल और मेरी आंखें बर्दाश्त नहीं कर पाते लेकिन उसका जाना पता नहीं कैसे दिल ने मंजूर कर लिया। कुछ दिन तक मन प्यार जैसी बातों पर खीझ जाता था।

घर में बुआ की बेटी की शादी तय हो गई वो भी लव मैरिज फाइनली फूफा जी मान गए थे और वो मीनू की पसंद से खुश भी थे। 10 साल की लंबी लड़ाई के बाद मीनू और उसका प्यार साथ होने जा रहे थे, हमेशा के लिए और मैं 10 साल अपने प्यार को देने के बाद भी उसी प्यार से ही हार गई थी। खुश थी मैं अपनी बहन के लिए लेकिन कहीं न कहीं मन बहुत दुखी था और इसी बीच जिंदगी में रोहित की एंट्री हुई। सोशल मीडिया साइट पर हुई हमारी मुलाकात के कुछ ही दिनों बाद उसने मुझे शादी के लिए प्रपोज किया था। पता नहीं किस सोच में थी मैं कि उसे हां कह दिया। प्यार की दीवानगी मुझ पर हमेशा ही हावी रही क्योंकि मुझे ऐसा लगता था कि प्यार जीवन जीने के लिए काफी है। हो भी क्यों न बचपन से ही मां-पापा, फैमिली और दोस्तों से भरपूर प्यार मिला।

फिल्मों की शौकीन हमारी पूरी फैमिली थी, मम्मी बताती थीं कि जब कोई नई फिल्म आती थी तो दादी और बुआ के साथ वो भी शौक से फिल्म देखने जाया करती थीं। पूरा खानदान फिल्मों और गानों का आशिक था। मैं भी इस दीवानगी का हिस्सा थी। कभी ये नहीं सोचा था कि कोई राजकुमार मिलेगा लेकिन हां प्यार करूंगी और शादी अपनी पसंद से करूंगी ये तय था। दिल टूटा तो असलियत का काफी अंदाजा लगा लेकिन प्यार से विश्वास नहीं उठा। खैर मीनू की शादी के चार महीने बाद सबकी रजामंदी से मेरी भी शादी रोहित के साथ हो गई। नया घर नए लोग सबकुछ मेरी जैसी महत्वकांक्षी लड़की के लिए एकदम नया अनुभव था। अरेंज मैरिज मेरी विश लिस्ट का हिस्सा नहीं थी और मैं अब उसे जीवन का हिस्सा बना चुकी थी।

शादी के दो दिन बाद ही मुझे पता लग गया कि रोहित और उसके परिवार ने मेरी काबिलियत से नहीं मेरी सुंदरता और सैलरी के लिए मुझसे नाता जोड़ा था। पर मैंने शुरुआती दिनों में इसे मेरे दिल का भ्रम ही समझा, ससुराल से जब हम दोनों अपने काम पर वापस लौटे तो रोहित का असली चेहरा खुलकर सामने आ गया। दिल में दरार तो पड़ ही चुकी थी लेकिन अब विश्वास को भी गहरा धक्का पहुंचा था। एक दिन मेरे सब्र का बांध फट पड़ा और झूठ से बने शादी के रिश्ते से भी मैंने नाता तोड़ लिया।

दो साल के सेपरेशन के बाद डिवोर्स का केस फाइल हो गया। प्यार में जीने-मरने वाली लड़की मैं अब कोर्ट-कचहरी का सामना कर रही थी। दो साल ऐसे बीते जैसे जिदंगी मैं शामिल ही नहीं थे। दुख इस बात का था कि मैंने अपना समय और प्यार गलत इंसान पर खर्च किया। होता है ऐसा जब आप सिर्फ दुनिया से प्यार की चाहत रखें और आपको उसके बदले धोखा मिले। खैर परिवार और दोस्तों ने मुझे पूरा सपोर्ट किया और जिंदगी वापस पटरी पर लौटी। सब ठीक ही चल रहा था कि दिल फिर से धड़कने लगा, अकेलापन कचौटने लगा। एक दिन ऑफिस का काम करते हुए नजर एक डेटिंग आर्टिकल पर चली गई।

घर वापस आकर उस एप को डॉउनलोड कर लिया वैसे तो जीवन का सबसे बड़ा धोखा ऐसी ही वर्चुअल साइट पर मिला था लेकिन सब एक जैसे नहीं होता इस बात पर भी पूरा यकीन था। मुझे अपना सोलमेट इसी जीवन में मिलेगा ये विश्वास था मुझे एप पर अपनी जनरल इंफो डालते ही मुझे लड़कों के मैसेज आने शुरू हो गए। सच कहूं तो काफी परेशान करने वाली बात थी क्योंकि मैं एक जर्नलिस्ट होने के बाद भी टेक्नोलॉजी फ्रीक नहीं हूं। न बनना चाहती हूं, हाथ से लिखे खतों की बात ही कुछ और होती है। आमने-सामने बात करना और वक्त बिताने जैसा सुकून क्या सोशल मीडिया चैट पर पॉसिबल है। समय न होने का आप चाहे लाख बहाना दें, पर मुझे लगता है कि जब आपके जीवन का खालीपन कोई अपने रंग से भरता है तो उससे अच्छा कैनवास कोई नहीं।

मेरी बातें हमेशा ऐसी ही रोमांटिक होती हैं, प्यार छूटने और शादी टूटने का गम भी मेरे दिल से रोमांस का कीड़ा खत्म नहीं कर पाए थे। उस डेटिंग एप पर एक मैसेज आया।।। मैसेज तो कई आए लेकिन उस मैसेज की जगह और उसमें लिखी बातों ने मेरा पूरा ध्यान उस ओर खींच लिया। मैंने अपना स्टेट्स उस एप पर साफ शब्दों में लिखा था 'डिवोर्सी'। उसे मेरी सफाईगोई पसंद आई लेकिन उस पर विश्वास करना मेरे लिए बड़ी कठिन समस्या थी। वो इंडिया में नहीं रहता था, लेकिन जिस दिन मैं उससे उस एप पर जुड़ी वो इंडिया से ही वापस गया था। इतना ही नहीं वो मेरे ही शहर से वापस गया था। इसे संयोग ही कहेंगे कि वो विदेश लौट रहा था और वो भी मेरे ही सपनों के शहर में।

उस दिन हम ज्यादा बात नहीं कर पाए क्योंकि वो फ्लाइट में था लेकिन उसके बाद हमारी बातें शुरू हुईं जो खत्म भी ऐसे होती जैसे दूसरा चैप्टर शुरू होने वाला हो। फिर एक दिन उसने मुझे बताया कि वो शादीशुदा है। मैं सन्न रह गई क्योंकि बड़े दिनों बाद अपना सा कुछ लगा था, हम एक-दूसरे से काफी अलग थे लेकिन एकदम एक जैसे थे। उसकी आवाज सुनते ही मेरे जैसी चुलबुली लड़की का शांत हो जाना और मेरे सामने उसके जैसे शांत लड़के का बोलते ही जाना बहुत अजीब था या फिर कहें प्यारा था। सात-समंदर पार की दूरी होने के बाद भी ऐसा लगता ही नहीं था कि वो पास नहीं। लेकिन उसके शादीशुदा होने की बात सुनकर मुझे समझ नहीं आ रहा था कि कुछ कहूं या चुप रह जाऊं। दूसरी तरफ फोन से आवाज आई, तुम चाहो तो मुझसे बात करना छोड़ सकती हो लेकिन तुम्हें सिर्फ एक बात कहना चाहती हूं जो मैंने कभी किसी से नहीं कही, तुम मेरी सोलमेट हो और इस बात का मुझे हमेशा प्राउड रहेगा कि कोई लड़की है जो मुझे सुनना पसंद करती है। प्रार्थना, मैं तुम्हें कुछ साबित नहीं करना चाहता, न ही कोई डर है कि तुम्हें खो दूंगा क्योंकि मैं जानता हूं कि तुम मेरी आत्मा से जुड़ी हो और उसे कोई कैसे छीन सकता है या खो सकता है। वो बोल रहा था और मैं सुन रही थी लेकिन मेरे कानों में जो शब्द गूंज रहे थे वो थे प्रार्थना, 'तुम मेरी सोलमेट हो।'


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