Meenakshi Kilawat

Drama

4.5  

Meenakshi Kilawat

Drama

शिक्षा का महत्तव

शिक्षा का महत्तव

2 mins
766


अंधविश्वास का भूत आजकल जहां तहां दिखाई दे रहा है। बच्चोको भी माँ पिता न जाने कहां कहां से कुछ अनौखी चीजें लाकर गले में हाथों में पहना देते हैं।

ताबीज, कोई सिद्धि यंत्र, काला धागा या लाल पिली चीजे  हरी मीर्च, निबू बांधकर घर के दरवाजे पर लटका दो। रोटी और चने चौराहे पर फेंक जाते हैं। लेकिन अनेक टोटके आजमाने के बाद भी अम्मा के लड़कियों की शादी नहीं हो पा रही थी।

अम्मा बडी परेशान थी। अम्मा को समझ में नहीं आ रहा था। अब क्या करे, चारों बेटियाँ विवाह के लायक हो चुकी थी। रात दिन टिव्ही चॅनल या युट्युब, गुगलपे से किसी के जरिये आडियो, विडियो से जानकारी लेती थी, और वैसे ही करती थी।

अंधविश्वास में पूरी तरह फँस चुकी थी। पीर फकिर बाबा के चक्कर काटने में तनाव भरा जीवन जिये जा रही थी। उसमें धनराशि,गहने चले गये थे। खेती बाड़ी बची थी। किसी तरह गुजारा हो रहा था। 

 नये नये बाबा के की तलाश में अम्मा लगी रहती थी। आखिर एक दिन वे सच्चे बाबा मिल ही गए। उनसे अम्मा ने अपनी आपबीती बताई, सुनकर बाबा मुस्कुराये और कहने लगे अम्मा मैं तो कोई चमत्कार जानता नहीं हूँ लेकिन उपाय बता सकता हूँ। आपकी बेटिया तो सभी सुंदर है। क्या आज तक कोई विवाह के लिये बेटी का हाथ मांगने नहीं आये ? अम्मा बोली बौहुत आये लेकिन कोई भी बेटियों के लायक नहीं थे।

बाबा बोले ! आपकी क्या ख्वाहिश थी उन लोगों से।

अम्मा बोली ! हमारी तो एक ही माँग रही। बेटियों को खाते पीते और नौकरी वाले वर मिल जाये बस, बाबा बोेले ! बेटियों की पढ़ाई कहाँ तक हुई है बताओ और अब इनमें क्या क्या कला गुण है, यह भी बता दो। अम्मा एकदम चुप हो गई और कहने लगी। बाबा आप तो जानते हो, जमाना कितना खराब है। मैं अपनी चारों फूल सी बिटिया को बाहर नहीं जाने दिया।

बाबा हंस पडे़े ! फिर तो कोई चमत्कार काम नहीं करेगा।

जैसे आपकी अपेक्षा है खाते पीते और नौकरी वाले वर मिल जाये, उसी प्रकार उन्हें भी अपेक्षा होगी। शिक्षा लेनेवाला शिक्षा का महत्व जानता है। वे लोग क्यों अपने बेटों के लिये अनपढ़, निरक्षर बहू ले जायेंगे। बहुत ही बड़ी गलती कर दी अम्मा आपने। अब तो एक ही रास्ता है। गरीब अनपढ़ से ही आपको बिटिया का विवाह करना पड़ेगा। उनके भाग्य अच्छे होंगे एवं मेहनती होगी तो वह सुखी जीवन बिता सकेगी। शिक्षा इंसान को क्या से क्या बना देती है। शिक्षा के बिना दुनिया में कुछ नहीं है। यह शिक्षा सामान्य आदमी से खास इंन्सान बना सकती है। आपसे बहुत बड़ी गलती हो गयी है।

कहकर बाबा चले गये, अम्मा तो सर पकड़कर बैठ गयी। आँखों के आगे अंधेरा छा गया।


Rate this content
Log in

Similar hindi story from Drama