शीषक--देश की गौरव
शीषक--देश की गौरव
"सुनो, सुनो, सभी ने दिल थाम कर सुनो। देश की इस आजादी की महोत्सव के सफर में इस बार१४ सितंबर को बड़ा उत्सव मनानेवाले हैं। इसीलिए सभी को योगदान देने के लिए सरकार की तरफ से कहा गया है।"
मूसलपूर गाँव के एक नवयुवक ने इस घोषणा का विरोध कर के बोला, "आज एक उत्सव, कल एक उत्सव हर दिन ऐसी ही चलता रहता। कोई आम आदमियों के बारे में क्यों नहीं सोचतें।१४सितंबर हुआ तो क्या हुआ !हर महीने में ये दिनांक आती हैं।
तो इसी बीच गाँव के मुखिया जी ने वह युवक की बात को नजर डाला, और उन्होंने कहा, "१४ सितंबर ये हमारे लिए कोई आम दिन नहीं है नवजवान। ये दिन हमारे देश के लिए खास है।" मुखिया जी के बात सुनकर युवक थोड़ा हैरान हुआ ।उन्होंने ऐ खास का मतलब किया है जानने के लिए मुखिया जी पूछा,
खास का क्या मतलब मुखिया जी?
मुखिया जी ने बोल उठा, " आजादी के बाद हमारे देश को एक राष्ट्रभाषा की जरूरत पड़ी। हर आजादी देश को एक राष्ट्रभाषा होते हैं। और भारत को भी एक राष्ट्रभाषा जरूरत हुआ। इसीलिए उस समय विद्वान और पंडितों ने देश के लिए हिन्दी भाषा को राष्ट्रभाषा के लिए प्रस्ताव रखा।" इसी बीच युवक ने बोल उठा, हिंदी की ही क्यों सेना मुखिया जी!"
क्योंकि हिन्दी भाषा को देश के सभी लोगों ने अच्छी तरह से बोल पायेगा और समझ भी पायी। इसीलिए १९४९ चन १४ सितंबर को भारत की संविधान. ने हिन्दी भाषा को राष्ट्रभाषा के रूप में स्वीकृति दिया। और १९५० चन २६ जनवरी में भारत सरकार ने हिन्दी को सरकारी भाषा में स्वीकृति दिया। और इसीलिए हर साल १४ सितंबर दिन को हिन्दी दिवस मनाया जाता हैं।
मुखिया की बातें सुनकर गाँव के युवक को मन में अपने देश माता के लिए गौरव हुआ। वे थाम लिया है की वे खुद इस दिवस में भाग लेगा और हर कोई को भाग लेने के लिए आह्वान करेगा।
"एक दिन ऐसा आएगा की भारत ही नहीं बल्कि सारा विश्व में हिन्दी भाषा का भरपूर प्रचार होगा और सन्मान भी पाएगा।"
हिन्दी दिवस की उत्सव में गाँव की वे नवयुवक की ऊंची आवाज से दिया ऐ भाषण सुनकर मुखिया जी को गर्व हुआ। और आपने आप से कहा ,
" हिन्दी हमारी राष्ट्रभाषा हैं
गर्व से कहेंगे हम
जय हिंद। "