शीर्षक : इतिहास का फ़ैसला
शीर्षक : इतिहास का फ़ैसला
सम्मेलन कक्ष के बाहर बड़ी भागादौड़ मची हुई थी। कुछ आतंकवादियों ने उस इमारत पर क़ब्ज़ा करने की खबरें, तेज़ी से फैल रही थी।
भागते भागते ट्रंप आए और फोन पर व्यस्त मोदी जी को देख कर बोले
“ओ भई! कोई मारो मुझे मारो। यहाँ आतंक मचा है इनको पबजी की पड़ी है। चलो भी यहाँ से, अब सभा अपने पुराने अड्डे पर होगी।”
तुरंत लिए गए फ़ैसले के मुताबिक़ संयुक्त राष्ट्र की आपातकालीन सभा, छोटू की चाय की टपरी पर स्थानांतरित की गई थी।
छोटू की टपरी दिखने में तो टूटे फूटे छपड़े वाली छोटी सी जगह थी, जहाँ मुश्किल से दो टेबल पड़े थे। ट्रंप और मोदी को देखकर छोटू हँस पड़ा “आइये आइये आप ही की कमी थी।”
और मेज़ पर पड़ी किताबें हटाई जिसके साथ ही एक छिपा हुआ दरवाजा खुला और अंदर जाते ही आधुनिक सुविधा वाले कॉफ़ी हाउस में
पहुँच गए, जहाँ सभा पहले ही शुरू हो चुकी थी।
महिला सुरक्षा कमेटी के अध्यक्ष लंका नरेश रावण, धरती पर महिलाओं की बढ़ती हुई समस्या को लेकर अपना प्रस्ताव पेश करते हुए बोले, “माननीय सभापति, श्रीसुज्ञ दुर्योधन जी तथा माननीय अध्यक्ष शकुनि जी, माननीय कंस साहब, सु श्री देवी मंथरा एवं देवी सूपर्णखा जी, विशेष सदस्य श्री हिटलर जी, माननीय सिकंदर महोदय, पूजनीय श्री बिन लादेन जी, सदैव जागृक विश्व नागरिक श्री कुंभकर्ण जी एवं सभी देशों के विशिष्ट प्रतिनिधि; मेरी अनुमोदना स्वीकार करे।
जैसे की आप सब जानते है औरतें ना पहले सुरक्षित थी ना अब है। पर आज उनकी बुनियादी आवश्यकताएँ तक पूरी नहीं हो पा रही है।इसलिए मैं यह प्रस्ताव रखता हूँ कि सारी महिलाओं को मेरे साथ अशोक वाटीका भेज दिया जाए। वहाँ मैं उनका पूरा ख़याल रखूँगा।”
तुरंत ही बौखलाकर दुशासन बीच में हंगामा मचाते हुए बोले, “ क्या ज़रूरत है? क्या हमारे पास और समस्या नहीं है? स्त्रियों की ज़बान और बुद्धि तो हम जानते ही है।”
“चुप रहो दुशासन तुम्हारे कारण आगे ही हम सब कुछ गँवा बैठे है, अब तो हम स्वर्ग जाकर राज करेंगे राज।” दुर्योधन ने अपने अनुज को समझाया।
“अरे ओ छोटू। इनको तनिक डार्क कॉफ़ी के डबल शॉट दे ताकी इनको होश आए, मेरे रहते ये स्वर्ग पर राज करेंगे, बड़े आए बाताँ बनाने वाले।” हिटलर अपनी आपत्ति जताते हुए बोले, ”ये विश्व युद्ध क्या सरकस के खेला वास्ते किए?”
“हिटलर बेटा तुम पहले मूछ तो पूरी उगा लो; राज तो हम ही करेंगे, अपुनीच भगवान है क्या समझे?” शकुनि मामा से रहा ना गया।
तभी अचानक रावण अपने सारे मुख से एक साथ चिल्लाया “ख़ामोश!”
“अभी अभी इंस्टाग्राम नामक सूत्र से ज्ञात हुआ है कि किम कार्डिएशन्स भी चुनाव में भाग ले रही है और आप तीनों शेखचिल्ली जैसे हवाई महल बना रहे है।”
“माफ़ किजीएगा भैया, अहम् ब्रहमास्मी कहते रहते हो पर क्या आप नहीं जानते कि किम को चुनाव के लिए उकसाने वाली और कोई नहीं आप ही की लाड़ली सूपर्णखा है।आपकी महान डॉकटर बहन ने ही तो उसकी फ़ेस लिफ्टींग और प्लास्टिक सर्जरी की है।” सूचना एवं प्रसारण मंत्री मंथराजी ने जानकारी दी।
“मंथराजी अब तो आप कलियुग में है, यहाँ तो पॉर्टफॉलियो बदलते।” बिन लादेन इस ‘केट फ़ाइटिंग’ का फ़ायदा उठाते बड़े प्यार से बोले।
“देखिए लादेनजी आप ज़्यादा तेज़ न चलो।
औरतें ही बनाती है या तो बिगाड़ती है, पर हाँ,
वो जानने के लिए पहले इतिहास जान लीजिए। वो नहीं जो किताबों में है, वो जो कभी कहा नहीं गया।” सूपर्णखा ने अपना मत रखने की कोशिश की।
तभी एक ज़ोर का धमाका हुआ और कॉफ़ी हाउस में जैसे भूकंप सा आ गया।
कुछ क्षण पश्चात छोटू क्या देखता है कि सारे सदस्य एक कोने में बंधे हुए पड़े है।
काले कपड़े में एक जज़ जैसे दिखने वाला बंदा बीच के टेबल पर बैठा है, और राधाजी, सीताजी, उर्मिला, द्रौपदी, कुंती, गांधारी, मधर टेरेसा, क्वीन एलीज़ाबेथ , मिशेल ओबामा इत्यादि महान स्त्री रत्न काले कॉट पहने ज्यूरी
पैनल के टेबल पर बैठ कॉफ़ी की चुस्कीयाँ ले रही थी।
छोटू अपने दोस्तों को ज़रा होश में लाओ ताकि हम सदियों से चलते आए इस तमाशे को ख़त्म कर सके। युगों से चलती आई इन लोगों की हैवानियत और बनी बाते बिगाड़ने की आदत का आज फ़ैसला करेंगे।
आप सबके सामने एक एक चिट्ठी पड़ी है जिसपर आपका भविष्य लिखा है।
रावणजी आए आपसे श्रीगणेश करते है।
आपकी सजा सुनाएगी माननीय मंथराजी।
“रावण आप तो स्वयं पश्चात्ताप करे रहे है, अब औरतों से घिरे रहने, माफ़ किजिए जगत भैया बने रहने की सज़ा तो मिल ही रही है।इसलिए आपको धरती पर ही रहकर महिला उद्धार के कार्य में लगे रहना होगा।”
फिर दुर्योधन की सज़ा सुनाने मिशेल ओबामा आगे आई।
“आपको राजगद्दी कि इतनी लालसा थी तो चलो आपको व्हाइट हाउस में भेज ही देते हैं।
आज से आपको वहाँ पर सफ़ाई कर्मचारी का कार्य करना होगा। इस प्रकार आपका राजगद्दी के निकट रहने का सपना भी पूरा हो जाएगा।”
फिर राधा रानी आगे आकर कहे लगी,
“दुःशासन को एक महिला बनकर दुनिया के किसी कोने में बस एक बहु बनकर रहना होगा। वहाँ उसकी साँस उसे ताने मारेगी और उसे घूँघट लेकर रहना होगा तब पता चलेगा औरतों का और साड़ी का रिश्ता।
मगर हाँ इतनी सी बात पर उसकी सज़ा ख़त्म नहीं होगी। उसको साड़ियों की दुकान में सेल्स मैन बन कर रहना होगा। वह दिन भर साड़ियाँ पहनने और उतारने का ही काम रहेगा।
और कर लो बेटा साड़ी उतरवाने का शौक़।”
मदर टेरेसा आगे आकर कहती हैं हिटलर से की “तुम्हारी मूँछों से भी छोटा तुम्हारा दिमाग़ है। मैंने बिना जातपात रंग देखें लोगों की सेवा में अपना जीवन गुज़ार दिया और तुमने उन्हीं लोगों को मार दिया। अब तुम्हें मणिकर्णिका के घाट पर मुर्दे दे उठाने का काम करना होगा।
भला तुम्हें भी तो पता चले कि सौ निर्दोष के मरने के बाद एक हैवान पैदा होता है। वोही वाली फिलींग आएगी कि सौ चुहें खाकर बिल्ली हज को चली।”
“छोटू इतना क्यों डर रहे अब किसकी बारी है?” माता कुंती ने प्यार से पुछा।
“बिन..बिन लादेनजी”
“अच्छा तो उस चूहे की बारी है!
बिन लादेन तुम्हें एम्पायर स्टेट बिल्डिंग को तोड़ने का इतना ही शौक़ था; तो लो अब तुम्हें अमरीका के हर बिल्डिंग बनाने में दिहाड़ी मज़दूरी का काम करना पड़ेगा।
रोज़ की रोटी रोज़ सिकेगी तब समझोगे सर्जन और विसर्जन की प्रक्रिया।”
कटघरे में फिर आई कर्ण की बारी।
जिनको माता गांधारी ने सज़ा सुनाई।
“कर्ण तुमने आजीवन कुंती को दोषी समझा है। जाओ अब तुम्हें एक महिला स्वरूप में ‘सरोगेट’ बनना होगा और तब तुम समझोगे तुम्हारी माता ने कितनी पीड़ा सही है। बड़े दानवीर बने फिरते हो अब किसी और की ख़ुशी के लिए अपनी कोख का दान करोगे और मातृत्व का मज़ा लोगे।”
आख़िर में शकुनि की बारी आई।
सीताजी उसे सज़ा सुनाते हुए बोली,
“शकुनि तुम्हें तो क्या ही कहे; सारे यूट्यूबर्ज़ और सबसे अधिक तर ‘कैरी मिनाटी’ तुम्हें रोस्ट करेंगे। तब तुम्हें बहन के घर में आग लगाने का असली फल मिलेगा।”
सारे दुष्ट बहुत गिड़गिड़ाए और बच्चों की तरह ज़िद करने लगे। हिटलर और कंस ने तो उठक बैठक भी लगाई। और शकुनि ? भैया वो तो मुर्ग़ा बन गए। पर एसी बचकांड से ज्यूरी अब फँसने वाले नहीं थे।
जब उन्हें ये बात समझ में आई तो रोने लगे। जज साहब ने कहा, “ सज़ा भुगतने से पहले तुम्हारी कोई इच्छा?”
सब एक साथ छोटू की ओर देखने लगे। वह समझ गया और जज साहब तथा मेमब्राने ज्यूरी की ओर देखने लगा। बस फिर एक आख़िरी बार छोटू की कॉफ़ी के शॉटस से टॉस्ट करते वह अपनी सजा भुगतने चलें गए।
इतिहास के सारे महानुभाव जिस संयुक्त राष्ट्र के सदस्य बनकर, एक साथ मिलकर नए युग में भी स्वतंत्रता एवं इंसानियत का मज़ाक़ कर रहे थे। अब उनकी जगह विभिन्न देश की महान स्त्रियों स्त्रियों नें बागडोर सँभाली।
अब शायद विश्व सही विकास को मिलेगा।
अगले दिन जब छोटू ने सबको वीडियो कॉल किया। क्योंकि अब वैश्विक महामारी के कारण वो कहीं आ जा नहीं सकता था, तब उसे पता चला कि ओसामा रोते हुए बिल्डिंग के लिए पत्थर तोड़ रहे थे, हिटलर धोती पहनकर घाट पर काम कर रहे थे और व्हाइट हाउस के चमकती फ़र्श पर दुर्योधन मिरर सेल्फ़ी लेकर शकुनि को भेज रहे थे।
दुशासन अब बनारस की गलियों में साड़ी की दुकान पर बार बार साड़ी लपेटता और निकालता है और औरतें उनको देख थोड़ा मुस्कुरा लेती है।
भैया पैसा का चलन तो आज भी वैसा ही है।
जिसके पास सिक्के उसके चले क़िस्से।
सुना है विजय मालिया जो है वो नीरव मोदी के साथ मिलकर विकास के बारे सोच रहे है।
स्वर्ग के लालायित सज्जन चाय
पानी के साथ साथ अब धरती पर कर्म के हिसाब को न्याय देने लगे है।
रावण की दुविधा बढ़ाने के लिये विजय माल्या को उसके साथ काम करने भेज दिया गया है। अब वो वर्ल्ड बैंक की जगह है स्त्रियों के उद्योग फंडिंग में गफले कर रहा है।
मंथरा ने अपने पुराने तरीक़े छोड़ दिए हैं और वह पब्लिक रिलेशन डिपार्टमेंट में सीता माता की मदद कर रही है। उन्होंने उर्मिला की माफ़ी के लिए ऑनलाइन कैंपेन भी शुरू किया है,
जिसमें सब उनके बारे में प्यार भरी कॉमेंट डाल रहे हैं।
नए युग की बुराई को कैसे रोका जाए। कॉन्टिनेंटल ड्रिफट से देश से अलग होना ही काफ़ी नैचुरल होता,
परंतु आजकल ट्रंप हर देश की सीमा पर दीवार बनाने लगे है।
पुलिस के अच्छे दिन आ गए है और अब वह टेबल के नीचे से नहीं ऊपर से कार्य करने लगे है। अर्नब अब खाना खाने के अलावा अलसाते वक्त चुप रहने लगा है।
विकास अब औरों के भरोसे ना रह कर आत्मनिर्भर हो रहा है।
इतिहास अपने फ़ैसले पर ख़ुशी से हँस रहा था।
इतिहास था स्वर्ग का नर्क का,
धरा पे बोझ था सतकर्म का दुष्कर्म का,
आओ कृष्ण आलस्य त्यजो,
तुम्हारा इंतज़ार है हर वीर दास को,
कुणाल काम्रा को, संदीप महेश्वरी को,
आओ तुम्हारा इंतज़ार है वैबीनार को,
वक्त आ गया है ऑनलाइन ट्रेनिंग का,
आओ कृष्ण नया वरदान दो।
लेडी जिब्रान