सही गलत नजरिया
सही गलत नजरिया
एटिट्यू ड' ( नजरिया) सबसे महत्वपूर्ण लफ्ज है। जिंदगी के हर हिस्से में इसका महत्व है,
चाहे वह आपकी पर्सनल लाइफ हो या फिर आपकी प्रोफेशनल लाइफ।
जिस तरह मजबूत इमारतों के लिए मजबूत बुनियाद की जरूरत होती है, ठीक उसी तरह सफलता के लिए भी एक मजबूत बुनियाद की जरूरत होती है।
और वह है- आपका नजरिया ।
दोस्तों, दुनिया को खुली आँखों से देखने के लिए हर इंसान का अपना एक नजरिया होता है..
गुलाब के ही पौधे में, किसी को एक सुन्दर का मनमोहक फूल नजर आता है, तो वहीँ किसी को सिर्फ कांटे..
जो व्यक्ति जैसा सोचता है, दुनिया उसे वैसी ही नजर आती है..
कुछ लोग हमेशा समस्याओं को देखते हुए आगे बढ़ते का सपना देखते हैं, तो कुछ लोगों को हर ओर अवसर दिखाई देता है..
हमने ऐसे लोगों को भी देखा है, जो लोग अपने जन्मदिन पर भी दुखी होते हैं, वे सोचते हैं कि उनकी उम्र कम हो गई..
तो कुछ लोग बहुत ही ज्यादा खुश होते हैं, कि एक जबरदस्त और शानदार साल बीता, और अब एक शानदार साल सामने है…
अपनी सोच के अनुसार ही चीजें नजर आती हैं और वैसी ही घटती हैं।
जैसे की रामायण में एक दोहा है :- जाकी रही भावना जैसी, प्रभु मूरत तिन्ह देखी तैसी।
अर्थात :-
कुछ लोगों ने श्री रामचंद्र जी को लेकर, भगवान की भावना थी, तो उन्हें वह भगवान के रूप में दिखें।
वहीं कुछ लोगों के मन में एक बच्चे की भावना थी तो उन लोगों को वह बाल ब्रह्मचारी दिखें।
ठीक उसी प्रकार! हम जिसको जिस प्रकार से, जिस भावना से, देखेंगे" वह हमें "ठीक उसी प्रकार से दिखेगा।
सभी लड़कियां और औरतें एक जैसी होती हैं, लेकिन! उनमें से कोई पत्नी, कोई मां, कोई बहन, कोई बुआ, कोई साली तो कोई बेटी होती है।
इस कहानी का सार यह है कि! हर व्यक्ति, हर वस्तु या किसी घटना को अपने नजरिये से देखता है..
एक ही व्यक्ति किसी के लिए बुरा हो सकता है तो किसी के लिए बहुत अच्छा!
एक ही वस्तु या किसी मुद्दे के बारे में विभिन्न लोगों के भिन्न-भिन्न राय हो सकते हैं..
इसलिए हमेशा अपने नजरिये पर काम कीजिये। यदि आपका नजरिया सुख और ख़ुशी तलाशने वाला होगा, तो सुख और "ख़ुशी स्वयं ही आपके तरफ आकर्षित होने लगेंगी..
और स्वयं ही आपका साथी बन जाएँगी…
उसी तरह इसके विपरीत यदि आपका नजरिया दुःख ढूंढने वाला होगा, तो आप हमेशा "दुखी रहेंगे और "दुःख कभी भी आपका पीछा नहीं छोड़ेगा…
